जी हां, बिलकुल सही सुना आपने! महाराष्ट्र में बढ़ती गर्मी को देखते हुए अब स्कूलों में ‘वॉटर बेल’ बजाने की तैयारी चल रही है। इसका मतलब है कि दिन में दो-तीन बार घंटी बजेगी, और बच्चों को पानी पीने के लिए कहा जाएगा।
क्यों है ये ज़रूरी?
गर्मी में बच्चों में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए ही डॉक्टरों ने ये सुझाव दिया है। वैसे भी, छोटे बच्चों को अक्सर प्यास लगने का एहसास ही नहीं होता, इसलिए उन्हें याद दिलाना बहुत ज़रूरी है।
कितने बच्चे होते हैं डिहाइड्रेशन के शिकार?
डॉक्टरों के अनुसार, महाराष्ट्र में हर साल लगभग 2000 बच्चे डिहाइड्रेशन की वजह से बीमार पड़ते हैं। डॉक्टरों की OPD में आने वाले 20% बच्चे ऐसे होते हैं जो पानी बहुत कम पीते हैं।
देशभर में भी है ये समस्या
देश में हर साल डायरिया और डिहाइड्रेशन से लगभग 10 हजार बच्चों की मौत हो जाती है। इसलिए ये बहुत ज़रूरी है कि बच्चों को पानी पीने के लिए जागरूक किया जाए।
‘वॉटर बेल’ कैसे करेगी मदद?
दिन में दो-तीन बार घंटी बजने से बच्चों को पानी पीने की याद दिलाई जाएगी।
इससे बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचाया जा सकेगा।
बच्चों को ओआरएस घोल और फलों-सब्जियों के बारे में भी बताया जाएगा।
शुगर ड्रिंक्स से बचने के लिए जागरूक किया जाएगा।
और क्या किया जा सकता है?
माता-पिता को भी चाहिए कि वो अपने बच्चों को नियमित रूप से पानी पिलाते रहें। साथ ही उन्हें फलों और सब्जियों से भरपूर खाना खिलाएं और मीठे पेय पदार्थों से दूर रखें।
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