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राहुल गांधी ने ओम बिरला को पत्र लिखा, भाषण के हटाए गए हिस्से को फिर से शामिल करने की अपील

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने संसद में दिए अपने भाषण के कुछ हिस्सों को कार्यवाही से हटाए जाने के बाद अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। राहुल गांधी ने कहा है कि यह कार्रवाई तर्कसंगत नहीं है और उन्होंने बिरला से आग्रह किया है कि उनके भाषण के हटाए गए अंश को फिर से कार्यवाही में शामिल किया जाए।

राहुल गांधी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर देश में सांप्रदायिक आधार पर विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया था, जिस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जोरदार विरोध किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना बहुत गंभीर विषय है। राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा था कि हिंदू कभी हिंसा नहीं कर सकता और कभी नफरत और डर नहीं फैला सकता। उनके भाषण के कुछ अंश सदन की कार्यवाही से हटा दिए गए थे।

राहुल गांधी का पत्र: बिरला को लिखे अपने पत्र में राहुल गांधी ने कहा कि सभापति को सदन की कार्यवाही से कुछ टिप्पणियों को हटाने का अधिकार है, लेकिन यह केवल उन शब्दों के लिए है जो नियम 380 के तहत आते हैं। उन्होंने कहा, “मैं यह देखकर स्तब्ध हूं कि मेरे भाषण के काफी हिस्से को कार्यवाही से हटा दिया गया है।”

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा, “हटाए गए हिस्से नियम 380 के दायरे में नहीं आते हैं। मैंने सदन में जो कहा वह जमीनी हकीकत और तथ्यात्मक स्थिति है। हर सदस्य को संविधान के अनुच्छेद 105(1) में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है।” उन्होंने जोर दिया कि सदन में लोगों की चिंताओं को उठाना प्रत्येक सदस्य का अधिकार है।

राहुल गांधी का कहना था, “देश के लोगों के प्रति अपने दायित्वों का पालन करते हुए मैंने इस अधिकार का उपयोग किया था।” उन्होंने बिरला को लिखे अपने पत्र में कहा, “मेरी टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटाना संसदीय लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है।”

अनुराग ठाकुर का भाषण: राहुल गांधी ने अनुराग ठाकुर के भाषण का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा कि उनका भाषण आरोपों से भरा था, लेकिन उनके भाषण से केवल एक शब्द हटाया गया है। राहुल गांधी ने अनुरोध किया कि उनकी टिप्पणियों को फिर से शामिल किया जाए।

संसद भवन परिसर में बयान: संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा, “मोदी जी की दुनिया में सच्चाई हटाई जा सकती है, लेकिन वास्तविकता में सच्चाई नहीं हटाई जा सकती। जो मुझे कहना था, मैंने कह दिया। वह सच्चाई है। जितना हटाना है करें, सच्चाई तो सच्चाई होती है।”

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