गुरुग्राम के सेक्टर 107 की एक हाउसिंग सोसाइटी में एक 16 साल के लड़के ने 9 साल की बच्ची की हत्या कर दी। यह घटना सोमवार सुबह की है। पुलिस ने लड़के को हिरासत में ले लिया है। आरोपी लड़के ने बच्ची को गला घोंटकर मारा और फिर उसके शव को जला दिया।
हत्या का कारण
पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि लड़का फ्लैट में चोरी करने के इरादे से घुसा था। बच्ची ने उसे चोरी करते हुए देख लिया और शोर मचाने की कोशिश की। इस पर लड़के ने उसकी हत्या कर दी। उसने शव को जलाकर सबूत मिटाने की कोशिश भी की।
आरोपी और पीड़ित
पीड़ित बच्ची चौथी कक्षा में पढ़ती थी, जबकि आरोपी दसवीं का छात्र है। आरोपी ने पहले दावा किया था कि दो चोर घर में घुस आए थे और उन्होंने बच्ची की हत्या की थी, लेकिन बाद में उसने अपनी गलती मान ली।
मां की शिकायत
बच्ची की मां ने पुलिस को बताया कि वह सुबह 10 बजे सोसाइटी में किसी से मिलने गई थीं। जब वे वापस आईं, तो उन्होंने देखा कि फ्लैट का लोहे का गेट बंद था और लकड़ी का गेट खुला हुआ था। उन्हें फ्लैट के पास एक जानकार लड़का भी नजर आया। अंदर जाकर देखा तो बच्ची का शव अधजली हालत में मिला।
बच्चों में बढ़ती हिंसा
यह घटना सोचने पर मजबूर करती है कि बच्चों में हिंसा क्यों बढ़ रही है। आजकल बच्चे सोशल मीडिया पर बहुत समय बिताते हैं और कई बार गलत कंटेंट भी देख लेते हैं, जो उनके दिमाग पर बुरा असर डालता है। माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को अच्छे संस्कार दें और सही-गलत का अंतर सिखाएं।
पैरेंटिंग के सवाल
यह घटना पैरेंटिंग पर भी सवाल उठाती है। कैसे हम बच्चों को सही दिशा नहीं दे पा रहे हैं? कैसे हम उन्हें सॉरी बोलना नहीं सिखा पा रहे हैं? माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों में सहनशीलता, विनम्रता और क्षमा भाव पैदा करें ताकि अगर वे कोई गलती करें, तो उसे स्वीकार करें और माफी मांगे।
गुरुग्राम की यह घटना हमें चेतावनी देती है कि बच्चों के साथ सही व्यवहार और मार्गदर्शन कितना महत्वपूर्ण है। हमें बच्चों को अच्छे संस्कार देने की जरूरत है ताकि वे सही राह पर चलें और ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
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