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उत्तर प्रदेश की राजनीति: केशव प्रसाद मौर्या का ताजा बयान और भाजपा का केंद्रीय आदेश, जानें क्या है पूरा मामला

केशव प्रसाद मौर्या
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हाल ही में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्‍व ने उत्तर प्रदेश के भाजपा नेताओं को सार्वजनिक मंचों पर बयानबाजी न करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश के तुरंत बाद ही उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक ताजा बयान जारी कर दिया। उन्होंने अपने पोस्ट में दोहराया कि “संगठन सरकार से बड़ा है और कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है।”

केशव प्रसाद मौर्या का पोस्ट

केशव प्रसाद मौर्या ने अपने आधिकारिक X हैंडल “Office of Keshav Prasad Maurya” पर ये पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा, “संगठन सरकार से बड़ा है। कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है। संगठन से बड़ा कोई नहीं, कार्यकर्ता ही गौरव है।”

भाजपा का केंद्रीय आदेश

जानकारी हो कि इससे कुछ समय पहले ही भाजपा के केंद्रीय नेतृत्‍व ने एक बड़ा फैसला लेते हुए आदेश जारी किया कि उत्तर प्रदेश भाजपा के नेता अगर किसी तरह की शिकायत करते हैं, तो वो केवल पार्टी फोरम के अंदर ही करें। पब्लिक प्लेटफॉर्म पर किसी भी प्रकार की बयानबाजी न करें और ऐसा करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सीएम योगी की चुनावी तैयारियां

इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी चुनाव की तैयारियों को लेकर एक बैठक बुलाई है। लखनऊ में सीएम योगी द्वारा 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर प्रभारी मंत्रियों की बैठक से पहले मौर्या का ये पोस्ट काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

यूपी बीजेपी में चल रही चर्चाएं

यूपी भाजपा को लेकर कई चर्चाएं चल रही हैं। कहा जा रहा था कि कार्यकर्ता और स्थानीय अधिकारी नेताओं की बात नहीं सुन रहे। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने खुलेआम ये तक कह दिया था कि सरकार से बड़ा संगठन होता है। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी कहा कि लोकसभा चुनाव में ओवर कॉन्फिडेंस की वजह से प्रदर्शन खराब रहा है।

जेपी नड्डा और मौर्या की मुलाकात

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केशव प्रसाद मौर्या के बीच दिल्ली में एक घंटे की मुलाकात भी हुई थी। इस मुलाकात के बाद केशव प्रसाद मौर्या का सोशल मीडिया पर बयान देना राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है।

वैसे देखा जाए तो उत्तर प्रदेश की राजनीति में हाल के घटनाक्रम ने भाजपा के आंतरिक विवादों और आगामी चुनावी तैयारियों को उजागर कर दिया है। केशव प्रसाद मौर्या का संगठन के प्रति समर्थन और केंद्रीय नेतृत्‍व के आदेश के बीच उनकी सोशल मीडिया गतिविधि ये दर्शाती है कि यूपी की राजनीति में अभी बहुत कुछ चल रहा है।

ऐसे में अब आने वाले दिनों में देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा के आंतरिक मुद्दों का चुनावी तैयारियों पर क्या प्रभाव पड़ता है और नेता आपस में किस तरह से सामंजस्य बिठाते हैं।

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