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बजट 2024: राहत या बोझ? आम आदमी, अर्थव्यवस्था और भविष्य पर विशेषज्ञों की राय

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बजट 2024: भारत की अर्थव्यवस्था में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए इस साल के बजट ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। क्या यह बजट वाकई में देश को एक नई दिशा दे पाएगा? क्या यह आम आदमी के जीवन में सुधार ला सकेगा? आइए जानते हैं कि इस बजट के बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं और कैसे यह बजट देश के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।

विशेषज्ञों की नजर में

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और राज्य नवाचार और विकास संस्थान (SID) की पूर्व प्रमुख प्राची मिश्रा ने इस बजट को पूरे 10 अंक दिए हैं। उनका मानना है कि यह बजट बहुत ही संतुलित और सोच-समझकर बनाया गया है। आइए देखते हैं कि उन्होंने इस बजट के किन पहलुओं की सराहना की है।

छोटे उद्योगों और खेती पर विशेष ध्यान

प्राची मिश्रा के अनुसार, इस बजट में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) और कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है। छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाएँ लाई गई हैं। इससे न केवल इन उद्योगों को मदद मिलेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

खेती के क्षेत्र में भी कई नए कदम उठाए गए हैं। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि सिर्फ न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) या कानूनी गारंटी पर ध्यान देने के बजाय, पूरी कृषि व्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दिया गया है। मौसम के अनुकूल फसलों को बढ़ावा देने और उन्हें एक ब्रांड के रूप में विकसित करके निर्यात करने की योजना बनाई गई है। यह कदम किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है।

पिछड़े इलाकों का विकास

बजट में पिछड़े राज्यों और क्षेत्रों के विकास पर भी ध्यान दिया गया है। इन इलाकों में रहने वाले लोगों की प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएँ बनाई गई हैं। इससे इन क्षेत्रों के लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा और वे देश के विकास में बराबर की भागीदारी निभा सकेंगे।

आर्थिक घाटे में कमी: एक बड़ी उपलब्धि

प्राची मिश्रा ने बताया कि इस बजट में सरकार ने आर्थिक घाटे को कम करने का एक बड़ा कदम उठाया है। यह घाटा अब सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 4.9 प्रतिशत है, जबकि पहले इसके 5.1 प्रतिशत रहने की उम्मीद थी। एक साल में इतनी बड़ी कमी लाना वाकई में एक बड़ी उपलब्धि है। कोरोना महामारी के बाद यह सबसे बड़ी कटौती है।

वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगले साल इस घाटे को और कम किया जाएगा। साथ ही, देश के कर्ज को भी कम करने का लक्ष्य रखा गया है। यह कदम देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बहुत मददगार साबित हो सकता है।

स्वास्थ्य और शिक्षा: जीवन की गुणवत्ता में सुधार

बजट में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयासों की भी तारीफ की गई है। प्राची मिश्रा का कहना है कि इन दोनों क्षेत्रों पर जो ध्यान दिया गया है, वह बहुत ही सराहनीय है। इससे देश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ और शिक्षा के अवसर मिलेंगे। यह कदम लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद करेगा।

कर्ज का बोझ कम करने की पहल

देश पर कर्ज का बोझ कम करने के लिए भी इस बजट में विशेष प्रयास किए गए हैं। मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में सरकार की आय का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ कर्ज पर ब्याज चुकाने में खर्च हो जाता है। इसलिए बजट में कर्ज का बोझ कम करने पर जोर दिया गया है। इस कदम से न केवल सरकार को राहत मिलेगी, बल्कि मध्यम वर्ग और अन्य वर्गों को भी फायदा होगा।

प्राची मिश्रा का मानना है कि यह बजट देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इससे देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और विकास दर बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि बजट सही दिशा में है और इसे सभी वर्गों के फायदे के लिए देखा जाना चाहिए।

यह बजट एक नए भारत की नींव रख रहा है, जहाँ हर नागरिक को विकास का लाभ मिलेगा। छोटे उद्योगों से लेकर किसानों तक, पिछड़े इलाकों से लेकर शहरों तक, हर किसी के लिए इस बजट में कुछ न कुछ है। अगर इस बजट में प्रस्तावित योजनाओं को सही तरीके से लागू किया जाता है, तो निश्चित रूप से भारत एक नए युग में प्रवेश करेगा – एक ऐसा युग जहाँ आर्थिक समृद्धि और सामाजिक न्याय साथ-साथ चलेंगे।

लेकिन याद रखें, यह सिर्फ शुरुआत है। इस बजट को सफल बनाने के लिए सरकार, उद्योग जगत और आम नागरिकों को मिलकर काम करना होगा। तभी हम एक ऐसा भारत बना पाएंगे जो न केवल आर्थिक रूप से मजबूत हो, बल्कि जहाँ हर नागरिक खुशहाल और समृद्ध हो।

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