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त्रिभुवन एयरपोर्ट: पहाड़ों के बीच फंसा ये एयरपोर्ट! खूबसूरती है या बवाल? जानें त्रिभुवन की उड़न-खटखटा कहानी

त्रिभुवन एयरपोर्ट

त्रिभुवन एयरपोर्ट: नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (TIA) एक बार फिर सुर्खियों में है। हाल ही में यहाँ हुए एक और विमान हादसे ने सबको हिलाकर रख दिया है। 18 लोगों की जान लेने वाला यह हादसा इस एयरपोर्ट के खतरनाक इतिहास का एक और अध्याय है। आइए जानते हैं इस रहस्यमयी एयरपोर्ट के बारे में विस्तार से।

हिमालय की गोद में बसा खतरनाक एयरपोर्ट:

त्रिभुवन एयरपोर्ट की कहानी हिमालय पर्वत से शुरू होती है। यह एयरपोर्ट चारों तरफ से ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों से घिरा हुआ है। ये पहाड़ जहाँ एक ओर इस जगह को खूबसूरत बनाते हैं, वहीं दूसरी ओर यहाँ उड़ान भरना और उतरना बहुत मुश्किल बना देते हैं।

इन पहाड़ों की वजह से यहाँ की हवा का रुख अचानक बदल जाता है। कभी तेज हवाएँ चलने लगती हैं तो कभी मौसम एकदम से बदल जाता है। इससे पायलटों को विमान उड़ाने में बहुत परेशानी होती है। वे कभी नहीं जान पाते कि अगले पल क्या होने वाला है।

त्रिभुवन एयरपोर्ट

एक छोटा सा रनवे, बड़ी सी मुसीबत:

त्रिभुवन एयरपोर्ट की एक और बड़ी समस्या है इसका छोटा रनवे। यहाँ सिर्फ एक ही रनवे है जो 3,000 मीटर लंबा है। यह दूसरे बड़े एयरपोर्ट के रनवे से काफी छोटा है। इस छोटे रनवे पर बड़े विमानों को उतारना और उड़ाना बहुत मुश्किल होता है।

पायलटों को यहाँ बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है। उन्हें विमान को बहुत कम जगह में रोकना पड़ता है। अगर थोड़ी सी भी गलती हो जाए तो विमान रनवे से बाहर जा सकता है। इसके अलावा, यह रनवे काफी ऊँचाई पर है, जो इसे और भी खतरनाक बना देता है।

दुर्घटनाओं का दर्दनाक इतिहास:

त्रिभुवन एयरपोर्ट पर कई बड़े विमान हादसे हुए हैं। इनमें से कुछ बहुत दर्दनाक थे:

  1. सबसे बड़ा हादसा 28 सितंबर 1992 को हुआ। उस दिन पाकिस्तान की एक फ्लाइट यहाँ क्रैश हो गई थी। इस हादसे में 167 लोगों की जान चली गई थी। यह नेपाल का अब तक का सबसे बड़ा विमान हादसा था।
  2. 4 मार्च 2015 को तुर्की एयरलाइंस का एक विमान कोहरे में फँस गया और रनवे से आगे निकल गया। इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन यह बताता है कि यहाँ मौसम कितना खतरनाक हो सकता है।
  3. 12 मार्च 2018 को एक और बड़ा हादसा हुआ। इसमें 49 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल को जिम्मेदार ठहराया गया।
  4. 28 अगस्त 2018 को फिर एक विमान दुर्घटना हुई जिसमें 51 लोग मारे गए। इस हादसे में एक अजीब बात यह थी कि विमान का पायलट उड़ान के दौरान रो रहा था।
  5. हाल ही में 5 जनवरी 2023 को यति एयरलाइंस का एक विमान पोखरा के पास क्रैश हो गया। इसमें 72 लोगों की जान चली गई।

त्रिभुवन एयरपोर्ट का इतिहास:

इस एयरपोर्ट का नाम नेपाल के एक राजा त्रिभुवन वीर बिक्रम शाह देव के नाम पर रखा गया है। यह एयरपोर्ट 1954 में खोला गया था। तब से यह नेपाल का सबसे महत्वपूर्ण एयरपोर्ट है। यहाँ से देश और विदेश की कई उड़ानें चलती हैं।

इस एयरपोर्ट पर दो टर्मिनल हैं – एक घरेलू उड़ानों के लिए और दूसरा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए। हर साल लाखों यात्री इस एयरपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं। यह नेपाल के लिए पर्यटन और व्यापार का एक बड़ा केंद्र है।

त्रिभुवन एयरपोर्ट नेपाल के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह देश का मुख्य प्रवेश द्वार है। लेकिन इसकी खतरनाक स्थिति चिंता का विषय है। सरकार और एयरपोर्ट प्रबंधन को मिलकर इस समस्या का हल निकालना होगा।

हमें उम्मीद करनी चाहिए कि जल्द ही कोई ठोस कदम उठाए जाएँगे। तब तक, हर यात्री और पायलट को यहाँ अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। त्रिभुवन एयरपोर्ट की कहानी हमें याद दिलाती है कि प्रकृति के सामने इंसान कितना छोटा है। लेकिन साथ ही यह हमें सिखाती है कि सावधानी और तकनीक के साथ हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।

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