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9वीं-10वीं के नंबर जुड़ेंगे और फिर बनेगा 12वीं का रिपोर्ट कार्ड! जानिए क्या आ रहा नया फॉर्मूला

9वीं-10वीं के नंबर जुड़ेंगे और फिर बनेगा 12वीं का रिपोर्ट कार्ड! जानिए क्या आ रहा नया फॉर्मूला

12वीं का रिपोर्ट कार्ड: भारत की शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव आने वाला है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की PARAKH (परफॉरमेंस असेसमेंट, रिव्यू एंड एनालिसिस ऑफ नॉलेज फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट) इकाई ने एक नई रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अब 12वीं कक्षा के अंतिम रिपोर्ट कार्ड में 9वीं, 10वीं और 11वीं कक्षा के नंबरों को भी शामिल किया जाए। यह एक बड़ा कदम है जो छात्रों की पूरी पढ़ाई का सही मूल्यांकन करने में मदद करेगा।

इस नई योजना के तहत, 12वीं कक्षा के अंतिम रिपोर्ट कार्ड में अलग-अलग कक्षाओं के नंबरों को अलग-अलग महत्व दिया जाएगा। 9वीं कक्षा के नंबरों को 15%, 10वीं के नंबरों को 20%, 11वीं के नंबरों को 25% और 12वीं के नंबरों को 40% महत्व दिया जाएगा। इसका मतलब है कि अब छात्रों को हर साल अच्छा प्रदर्शन करना होगा, क्योंकि हर साल के नंबर उनके अंतिम रिजल्ट पर असर डालेंगे।

PARAKH की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि छात्रों का मूल्यांकन दो तरह से किया जाएगा। पहला है फॉर्मेटिव असेसमेंट, जिसमें छात्र का पूरे साल का प्रदर्शन देखा जाएगा। इसमें उनकी क्लास में भागीदारी, प्रोजेक्ट वर्क और ग्रुप डिस्कशन जैसी चीजें शामिल होंगी। दूसरा है समेटिव असेसमेंट, जो परीक्षाओं पर आधारित होगा।

इन दोनों तरह के मूल्यांकन का अनुपात हर कक्षा में अलग-अलग होगा। 9वीं कक्षा में 70% अंक फॉर्मेटिव असेसमेंट से और 30% अंक समेटिव असेसमेंट से आएंगे। 10वीं कक्षा में यह अनुपात 50-50 का होगा। 11वीं में 40% फॉर्मेटिव और 60% समेटिव असेसमेंट होगा। 12वीं कक्षा में 30% फॉर्मेटिव और 70% समेटिव असेसमेंट होगा।

इस नई योजना पर देश के अलग-अलग राज्यों से प्रतिक्रिया मांगी गई है। कुछ राज्यों ने इस पर अपने सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा है कि 9वीं और 10वीं के नंबरों को मिलाकर 10वीं का रिजल्ट निकाला जाए, जिसमें 9वीं के 40% और 10वीं के 60% नंबर शामिल हों। इसी तरह 11वीं और 12वीं के नंबरों को मिलाकर 12वीं का रिजल्ट निकाला जाए, जिसमें 11वीं के 40% और 12वीं के 60% नंबर शामिल हों।

PARAKH ने एक और नया विचार दिया है जिसे क्रेडिट सिस्टम कहा जाता है। इसके तहत 9वीं और 10वीं कक्षा में 40-40 क्रेडिट होंगे, जबकि 11वीं और 12वीं कक्षा में 44-44 क्रेडिट होंगे। 9वीं और 10वीं में 32 क्रेडिट विषय से जुड़े होंगे। यह सिस्टम छात्रों को अपनी पसंद के विषयों में ज्यादा ध्यान देने की आजादी देगा।

यह नई योजना शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव ला सकती है। इससे छात्रों को हर साल अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलेगी। साथ ही, यह उनके समग्र विकास पर ध्यान देने में मदद करेगी। परीक्षाओं के साथ-साथ साल भर के प्रदर्शन को भी महत्व देने से छात्रों पर परीक्षा का दबाव कम होगा और वे अपनी रुचि के अनुसार पढ़ाई कर सकेंगे।

अभी यह रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को दी गई है। इसे जल्द ही सभी स्कूल बोर्ड के साथ साझा किया जाएगा ताकि वे अपनी राय दे सकें। अगर यह योजना लागू होती है, तो यह भारत की शिक्षा प्रणाली में एक नया अध्याय शुरू करेगी।

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