उद्धव ठाकरे की दिल्ली यात्रा मुख्यमंत्री पद की संभावनाओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भाजपा के दावों के अनुसार, ठाकरे का मुख्य उद्देश्य कांग्रेस का समर्थन प्राप्त करना है, जिससे वे आगामी विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आगे बढ़ सकें।
उद्धव ठाकरे की दिल्ली यात्रा: मुख्यमंत्री पद की ओर एक अहम कदम
उद्धव ठाकरे, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख, हाल ही में दिल्ली पहुंचे हैं, और इस यात्रा को लेकर राजनीति में हलचल मच गई है। भाजपा ने बुधवार को दावा किया कि ठाकरे की दिल्ली यात्रा का मुख्य उद्देश्य मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस का समर्थन जुटाना है। भाजपा के विधायक आशीष शेलार ने यह आरोप लगाया कि ठाकरे महाराष्ट्र की किसानों, महिलाओं, और युवाओं की समस्याओं को लेकर दिल्ली नहीं आए हैं, बल्कि उनका मुख्य मकसद कांग्रेस से समर्थन प्राप्त करना है ताकि वे आगामी विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर वापस बैठ सकें।
लोकसभा चुनाव के बाद की पहली दिल्ली यात्रा
लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 में से 31 सीटों पर महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के गठबंधन की जीत के बाद, उद्धव ठाकरे पहली बार दिल्ली आए हैं। इस यात्रा के दौरान, उनकी विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के नेताओं से मुलाकात करने की संभावना है। इन बैठकों में महाराष्ट्र, हरियाणा, और झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी।
सीट बंटवारे की रणनीति
सूत्रों के अनुसार, महा विकास आघाड़ी (एमवीए) अगले महीने तक महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को अंतिम रूप देगी। उम्मीदवारों के चयन का आधार पिछले चुनावी प्रदर्शन के बजाय, जीत की संभावनाओं पर होगा। इसके साथ ही, गठबंधन सहयोगियों के बीच सीटों की अदला-बदली की संभावना भी जताई जा रही है।
कांग्रेस का प्रदर्शन और आगामी रणनीतियाँ
हाल के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने एमवीए गठबंधन में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने 17 सीटों में से 13 सीटें जीतीं, जबकि शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) ने 9 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद पवार (राकांपा-एसपी) ने 8 सीटें जीतीं। इस प्रदर्शन के आधार पर, एमवीए के अंदर सीट बंटवारे पर तेजी से काम चल रहा है।
उद्धव की कांग्रेस नेताओं से मुलाकात
उद्धव ठाकरे ने हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, और कांग्रेस के संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान उनके साथ उनके बेटे आदित्य ठाकरे और राज्यसभा सदस्य संजय राउत भी थे। खरगे ने बैठक के बाद कहा कि महाराष्ट्र के किसान और युवा भाजपा के नेतृत्व से परेशान हैं और बदलाव की ओर देख रहे हैं। राहुल गांधी ने भी एमवीए की एकजुटता के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने की पुष्टि की।
उद्धव ठाकरे की दिल्ली यात्रा मुख्यमंत्री पद की संभावनाओं को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आगामी विधानसभा चुनावों के लिए महा विकास आघाड़ी के अंदर हो रही चर्चाएँ और सीट बंटवारे की रणनीतियाँ एमवीए के भविष्य को आकार देंगी। कांग्रेस के नेताओं से की गई मुलाकातों से यह स्पष्ट होता है कि ठाकरे और उनका गठबंधन चुनावी रणनीतियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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