भारत सरकार ने 28,602 करोड़ रुपये के निवेश से देश के 10 राज्यों में 12 नए इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी बनाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से देश के औद्योगिक परिदृश्य में बड़े बदलाव की उम्मीद है, जिसमें लाखों नए रोजगार सृजित होंगे। इसके अलावा, तीन रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है, जो भारतीय रेलवे के नेटवर्क को और मजबूत बनाएंगी।
देश में बनेंगे 12 नए इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी: क्या हैं इसके फायदे?
1. इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी का महत्व:
भारत में आर्थिक विकास और औद्योगिक क्रांति के अगले चरण के रूप में, सरकार ने 12 नए इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी बनाने का निर्णय लिया है। ये शहर औद्योगिक विकास के हब बनेंगे, जहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के साथ उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा। यह परियोजना न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी बल्कि देश की मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को भी बढ़ावा देगी।
2. निवेश और रोजगार के अवसर:
इस परियोजना के लिए 28,602 करोड़ रुपये का भारी निवेश किया जा रहा है, जिससे करीब 10 लाख प्रत्यक्ष और 30 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है। सरकार का मानना है कि यह कदम देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हिस्सेदारी को बढ़ाने में मदद करेगा, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
3. परियोजना के प्रमुख लाभ:
इन 12 इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी की स्थापना से न केवल रोजगार में वृद्धि होगी, बल्कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में औद्योगिक संतुलन भी स्थापित होगा। इसके अलावा, इन शहरों में प्लग-एंड-प्ले सुविधाओं के साथ अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा होगा, जो उद्योगों को तेजी से स्थापित करने में मदद करेगा। इससे निवेशकों को आकर्षित करने और देश की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में वृद्धि की संभावना है।
4. रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट:
स्मार्ट सिटी परियोजना के अलावा, मोदी कैबिनेट ने तीन नए रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी दी है, जिनकी अनुमानित लागत 6,456 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं से भारतीय रेलवे का नेटवर्क और मजबूत होगा, जिससे यात्री और माल परिवहन में सुधार होगा।
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