राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (National Mission for Clean Ganga) के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में 73 करोड़ रुपये की लागत से पांच नई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य गंगा नदी के प्रदूषण को कम करना और उसकी पारिस्थितिकी को सुधारना है। यह कदम गंगा नदी के संरक्षण और सफाई के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
परियोजनाओं का उद्देश्य और महत्व:
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की 56वीं कार्यकारी समिति की बैठक में इन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। यह बैठक नई दिल्ली में आयोजित हुई, जिसमें मिशन के महानिदेशक राजीव कुमार मित्तल ने अध्यक्षता की। इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करना और उसकी जैव विविधता को बचाए रखना है। इसके तहत जल स्रोतों की सुरक्षा, पर्यावरणीय संतुलन की बहाली, और नदियों को उनके प्राकृतिक रूप में वापस लाने पर जोर दिया गया है।
प्रमुख परियोजनाएं और उनके विवरण:
- गुलावठी, बुलंदशहर की परियोजना:
- उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के गुलावठी में पूर्वी काली नदी के प्रदूषण को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय परियोजना मंजूर की गई है। इस परियोजना के तहत 10 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) क्षमता का मलजल शोधन संयंत्र (STP) स्थापित किया जाएगा, जिससे नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा।
- ‘स्मार्ट लैबोरेटरी फॉर क्लीन रिवर’ परियोजना:
- वाराणसी में आईआईटी-बीएचयू और नमामि गंगे के बीच संस्थागत ढांचे के तहत ‘स्मार्ट लैबोरेटरी फॉर क्लीन रिवर’ परियोजना को मंजूरी दी गई है। इसका उद्देश्य नदियों को उनके प्राकृतिक रूप में पुनः स्थापित करना और जल प्रबंधन के स्थायी तरीकों को बढ़ावा देना है।
- डलमऊ, रायबरेली की फीकल स्लज मैनेजमेंट परियोजना:
- रायबरेली के डलमऊ में ‘फीकल स्लज मैनेजमेंट’ परियोजना के तहत गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने के लिए अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना को मंजूरी दी गई है। यह परियोजना डीबीओटी (डिजाइन, निर्माण, संचालन और हस्तांतरण) मॉडल पर आधारित है और इसमें पांच साल के रखरखाव और प्रबंधन का भी प्रावधान है।
- प्रयागराज में अर्थ गंगा केंद्र:
- प्रयागराज के छिवकी रेलवे स्टेशन पर अर्थ गंगा केंद्र की स्थापना और स्टेशन की ब्रांडिंग की परियोजना को भी मंजूरी दी गई है। इससे न केवल गंगा के महत्व को उजागर किया जाएगा, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।
- ऊपरी गोमती नदी बेसिन का कायाकल्प:
- बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा प्रकृति-आधारित समाधानों के माध्यम से ऊपरी गोमती नदी बेसिन के निचले क्रम की धाराओं और सहायक नदियों के कायाकल्प की योजना को भी मंजूरी दी गई है।
स्वच्छ गंगा मिशन के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में मंजूर की गई ये परियोजनाएं गंगा नदी के संरक्षण और सफाई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इनसे न केवल गंगा नदी की पारिस्थितिकी को सुधारने में मदद मिलेगी, बल्कि जल स्रोतों की सुरक्षा और पर्यावरणीय संतुलन की बहाली में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
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