भारतीय वायुसेना में महिलाएं भी अब पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर देश की रक्षा कर रही हैं। मोहना सिंह (Mohana Singh) ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। वे तेजस लड़ाकू विमान (Tejas fighter jet) उड़ाने वाली पहली महिला पायलट बनकर एक नया इतिहास रच चुकी हैं। इस उपलब्धि ने न केवल उनके नाम को गर्व से जोड़ा, बल्कि देशभर की महिलाओं के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है। मोहना की इस शानदार उड़ान ने यह साबित किया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं, चाहे वह कितना भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हो।
तेजस लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली महिला पायलट
मोहना सिंह का नाम अब उन गिने-चुने लोगों में शामिल हो गया है जिन्होंने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को उड़ाया है। भारतीय वायुसेना की ‘फ्लाइंग बुलेट्स’ स्क्वाड्रन में शामिल होकर उन्होंने इतिहास रच दिया। उनके साथ इस पथ पर चलने वाली अन्य दो महिला पायलटों अवनी चतुर्वेदी और भावना कंठ (Avani Chaturvedi & Bhawna Kanth) का नाम भी गर्व से लिया जाता है, जो देश की पहली महिला फाइटर पायलटों में से हैं।
मोहना सिंह ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से इस स्थान को हासिल किया। जून 2016 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुईं मोहना ने तब से लेकर अब तक कई महत्वपूर्ण मिशन पर काम किया है। तेजस उड़ाना उनके लिए न केवल गर्व की बात है, बल्कि एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी है।
राजस्थान से गहरा कनेक्शन
मोहना सिंह का जन्म 22 जनवरी 1992 को राजस्थान के झुंझुनू में हुआ था। राजस्थान, जिसे वीरों की भूमि के रूप में जाना जाता है, ने एक और बहादुर बेटी को देश के लिए समर्पित किया। मोहना के पिता प्रताप सिंह एयरफोर्स में थे और उनकी मां मंजू सिंह एक शिक्षिका हैं। ऐसे में मोहना का सेना में जाना कोई नई बात नहीं थी, क्योंकि उनके परिवार में देश सेवा की भावना गहराई से बसी हुई थी।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के एयरफोर्स स्कूल से प्राप्त की, इसके बाद उन्होंने पंजाब के अमृतसर में ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में बीटेक की डिग्री हासिल की। अपने करियर के शुरुआती दिनों से ही वे एयरफोर्स में अपनी जगह बनाना चाहती थीं और उनका यह सपना आखिरकार 2016 में पूरा हुआ जब वे भारतीय वायुसेना की पहली महिला लड़ाकू पायलट बनीं।
मोहना सिंह की उड़ान की खासियत
मोहना सिंह ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि तेजस लड़ाकू विमान उड़ाना रही। तेजस एक स्वदेशी लड़ाकू विमान है जिसे भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है। यह विमान न केवल आधुनिक तकनीक से लैस है, बल्कि इसे उड़ाना भी बेहद चुनौतीपूर्ण होता है।
मोहना सिंह ने इस विमान को सफलतापूर्वक उड़ाकर साबित किया कि भारतीय महिलाएं किसी भी चुनौती को स्वीकार करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उनकी इस उड़ान का हिस्सा बनना न केवल उनके करियर के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि देश की सुरक्षा और तकनीकी क्षमताओं को भी नया आयाम देता है।
पहले भी कर चुकी हैं कई महत्वपूर्ण मिशन
मोहना सिंह का नाम उस वक्त भी चर्चा में आया था जब उन्होंने मिग-21 बाइसन जैसे लड़ाकू विमान को सफलतापूर्वक उड़ाया था। मिग-21 बाइसन एक ऐसा विमान है जिसे उड़ाना बेहद कठिन माना जाता है, लेकिन मोहना ने अपनी हिम्मत और क्षमता से यह साबित कर दिया कि वे किसी भी चुनौती से पीछे हटने वाली नहीं हैं।
फरवरी 2018 में उनकी साथी पायलट अवनी चतुर्वेदी (Avani Chaturvedi) ने मिग-21 बाइसन उड़ाकर एक और इतिहास रचा, जब वे अकेले लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। इस पूरी टीम का हिस्सा होना और इतने महत्वपूर्ण मिशन पर काम करना मोहना के करियर के लिए बेहद गर्व की बात रही है।
महिला पायलटों की प्रायोगिक योजना से स्थायी योजना तक
2016 में जब सरकार ने महिलाओं के लिए फाइटर स्ट्रीम खोलने का निर्णय लिया, तब मोहना सिंह, अवनी चतुर्वेदी और भावना कंठ को इस योजना के तहत शामिल किया गया था। पहले यह एक प्रायोगिक योजना के रूप में शुरू किया गया था, लेकिन हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने इस योजना को स्थायी रूप से लागू कर दिया है। यह निर्णय देश की उन सभी महिलाओं के लिए एक बड़ा कदम है जो सेना में अपनी जगह बनाना चाहती हैं।
मोहना सिंह ने मिग-21 बाइसन से लेकर तेजस तक के कई महत्वपूर्ण मिशन पर काम किया है और अब वे भविष्य में और भी बड़ी उपलब्धियों के लिए तैयार हैं। उनके इस साहसिक कदम ने उन्हें और देशभर की महिलाओं को एक नई प्रेरणा दी है।
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