भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) अपनी सादगी और शालीनता को लेकर दुनिया भर में मशहूर हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि पाकिस्तान में मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के नाम का एक स्कूल और वो स्कूल जिस गांव में है वो गांव का एक आदर्श गांव है। यही नहीं उस गांव को आदर्श गांव बनाने में भी हमारे पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का ही हाथ है। तो आइए जानते हैं इसके पीछे की पूरी सच्चाई कि क्यों पाकिस्तान के एक स्कूल को मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) का नाम दिया गया। और आखिर क्यों मनमोहन सिंह की वजह से पाकिस्तान का वो गांव आदर्श गांव बना।
वैसे आपको बता दें कि आज 26 सितंबर 2024 को डॉक्टर मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) अपना जन्मदिन मना रहे हैं और वो आज 92 साल के हो गए हैं। उन्होंने साल 2004 से लेकर साल 2014 तक भारत देश के प्रधामंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला है। आज ऐसे बेहद ही खास अवसर पर उनकी इस खास बात को जानना आपके लिए काफी दिलचस्प होने वाला है।
दरअसल मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) का ताल्लुक भारत के अलावा पाकिस्तान से भी रहा है। उन्होंने भी विभाजन का दर्द स हा है। उनका जन्म पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से करीब 100 किमी दूर पंजाब के चकवाल जिले के गाह नाम के गांव में हुआ था। उसी गांव के एक स्कूल से उन्होंने चौथी कक्षा तक की पढ़ाई की थी। जब वो हाईस्कूल में पढ रहे थे, तब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ, जिसके बाद उनका परिवार पाकिस्तान से भारत आ गया।
साल 2004 में जब वो भारत के प्रधानमंत्री बने तो गाह गांव के लोग भी इस बात से काफी खुश हुए थे, कि उनके गांव का एक शख्स आज भारत के सर्वोच्च पद पर कार्यरत हुआ है। उस दौरान परवेज़ मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपि थे, जिनका जन्म दिल्ली में हुआ था। प्रधानमंत्री बनने के बाद मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के परवेज मुशर्रफ को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने अपने पैतृक गाह गांव के विकास की बात की थी।
उसी के बाद जमकर गाह गांव का विकास हुआ। यही नहीं पाकिस्तान सरकार ने उस स्कूल का नाम मनमोहन सिंह रख दिया, जिसमें मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने कक्षा चार तक की पढ़ाई की थी। आज के समय में वो स्कूल मनमोहन सिंह गर्वनमेंट बॉयज प्राइमरी स्कूल के नाम से जाना जाता है। इतना ही नहीं, उनके पैतृक गांव को ‘आदर्श गांव’ भी घोषित कर दिया गया था। ऐसे में पाक सरकार की मनमोहन सिंह ने काफी सराहना की थी।
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