Diljit Dosanjh Concert Controversy: दिल्ली का जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम (Jawaharlal Nehru Stadium) भारतीय खेल प्रेमियों के लिए एक प्रतिष्ठित स्थल है, जिसने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मेजबानी की है। यहां 2010 के राष्ट्रमंडल खेल, बायर्न म्यूनिख के खिलाफ बाईचुंग भूटिया का विदाई मैच और SAFF चैंपियनशिप जैसे बड़े आयोजन हो चुके हैं। लेकिन हाल ही में आयोजित दिलजीत दोसांझ के दिल-लुमिनाती टूर (Diljit Dosanjh Tour) के दिल्ली हिस्से के बाद स्टेडियम की स्थिति देखकर यहां नियमित ट्रेनिंग करने वाले खिलाड़ियों और कोचों ने नाराजगी जताई है।
कॉन्सर्ट के बाद फैली गंदगी ने बढ़ाई चिंता
दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में दिलजीत दोसांझ के दो दिवसीय कार्यक्रम में हजारों प्रशंसक जुटे थे, जिससे स्टेडियम में भारी भीड़ उमड़ आई। इस शो के बाद स्टेडियम की स्थिति बेहद दयनीय हो गई। खिलाड़ियों ने इस प्रतिष्ठित स्थल पर बिखरे कचरे, शराब के कंटेनर और टूटे उपकरणों (broken athletic equipment) को देखकर चिंता व्यक्त की है। यह स्थिति एक ऐसे स्थल की नहीं होनी चाहिए, जहां नियमित रूप से खिलाड़ी अपने खेल के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।
दिल्ली के मध्यम दूरी के धावक बेअंत सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर स्टेडियम की हालत दिखाने वाले कुछ वीडियो और तस्वीरें साझा कीं, जिसमें कचरे के ढेर, शराब की बोतलें, और बर्बाद किए गए एथलेटिक्स उपकरण दिखाई दिए। बेअंत ने कहा कि “इस तरह के कार्यक्रमों के बाद स्टेडियम 10-10 दिन बंद रहता है। इससे हमारी ट्रेनिंग पर बहुत बुरा असर पड़ता है।”
खिलाड़ियों की ट्रेनिंग पर पड़ा असर
कॉन्सर्ट के कारण जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में मौजूद बाधाओं को तोड़ा और इधर-उधर फेंका गया, जिससे ट्रैक और फील्ड के कई उपकरण क्षतिग्रस्त हो गए। इससे दिल्ली के युवा एथलीटों की नियमित ट्रेनिंग में बाधा उत्पन्न हो गई है। एथलीटों ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए स्टेडियम के ट्रैक और उपकरणों की टूट-फूट के लिए मुआवजे की मांग की है। एक स्थानीय कोच ने बताया कि “स्टेडियम में ट्रैक पर ट्रेनिंग करने वाले बच्चों ने अपनी मेहनत और अपने पैसों से ये उपकरण खरीदे थे। लेकिन अब ये उपकरण बर्बाद हो गए हैं।”
साई (भारतीय खेल प्राधिकरण) के अधिकारियों ने बताया कि कॉन्सर्ट के आयोजकों के साथ यह अनुबंध था कि स्टेडियम को उसी स्थिति में लौटाया जाएगा, जैसी स्थिति में उन्होंने उसे पाया था। हालांकि, भारी भीड़ और प्रशंसकों के उत्साह के कारण स्टेडियम की स्थिति बेहद खराब हो गई। साई के अधिकारियों का कहना है कि अगले 24 घंटों में सफाई का काम पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन खिलाड़ियों के लिए सोमवार को अपने ट्रेनिंग स्थल को इस हालत में देखना निराशाजनक था।
सामान्य स्थिति में लौटने में लग सकता है समय
दिल्ली के एक कोच ने पीटीआई को बताया कि खिलाड़ियों को मुआवजे के लिए साई से संपर्क करने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा, “प्रत्येक बाधा की कीमत तीन से चार हजार रुपये होती है, और इनमें से कई बाधाएँ क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। एथलीटों ने इन उपकरणों को खरीदने के लिए अपनी जेब से पैसे खर्च किए थे, और अब उन्हें इसे फिर से खरीदना होगा।”
यह स्थिति केवल एथलीटों के लिए ही नहीं बल्कि पंजाब एफसी के लिए भी परेशानी का सबब बन गई है, जो इस स्टेडियम को इंडियन सुपर लीग के मैचों के लिए अपने घरेलू मैदान के रूप में उपयोग कर रहे हैं। पंजाब एफसी का अगले सप्ताह चेन्नईयिन एफसी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण मैच है, लेकिन स्टेडियम की वर्तमान स्थिति टीम के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। क्लब को अब एक अनुकूल और तैयार पिच के बजाय एक ऐसे मैदान का सामना करना पड़ रहा है जो गंदगी और मलबे से भरा हुआ है।
दिल्ली के कई खिलाड़ी और कोच इस बात पर जोर दे रहे हैं कि जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम का उपयोग केवल खेल आयोजनों के लिए होना चाहिए। दिलजीत दोसांझ का यह कॉन्सर्ट विवाद (concert controversy) भारत में स्टेडियम उपयोग के नियमों पर एक बहस छेड़ चुका है।
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