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Derogatory Comment: JNU में भगवान राम पर आपत्तिजनक टिप्पणी से हंगामा, लेफ्ट-ABVP में तीखी झड़प

Derogatory Comment: JNU में भगवान राम पर आपत्तिजनक टिप्पणी से हंगामा, लेफ्ट-ABVP में तीखी झड़प

दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में एक बार फिर से छात्र संगठनों के बीच आपसी विवाद और झड़प की घटना सामने आई है। सोमवार रात को आयोजित यूनिवर्सिटी संचालन परिषद की बैठक में भगवान राम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी (Derogatory Comment) करने का मामला उभरकर आया, जिसके बाद लेफ्ट और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्र संगठनों के बीच झड़प हुई। यह घटना न सिर्फ यूनिवर्सिटी प्रशासन बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गई है।

अपमानजनक टिप्पणी और आंतरिक शिकायत समिति पर मतभेद

इस विवाद की शुरुआत उस समय हुई, जब जेएनयू के छात्र संघ ने आंतरिक शिकायत समिति (ICC) के चुनाव में भाग लेने के लिए एक बैठक का आयोजन किया। इस समिति का गठन 2017 में यूनिवर्सिटी परिसर में यौन उत्पीड़न के मामलों के निवारण के लिए किया गया था, जब लैंगिक संवेदनशीलन समिति (GSCASH) को खत्म कर दिया गया था। इस विषय पर छात्रों के बीच पहले से ही मतभेद हैं और छात्र संघ ने लम्बे समय से आंतरिक शिकायत समिति (Internal Complaint Committee) के खिलाफ विरोध जताया है।

बैठक के दौरान लेफ्ट संगठनों और ABVP के छात्रों के बीच तीखी बहस और विवाद हुआ। ABVP के सदस्यों ने आरोप लगाया कि लेफ्ट के एक छात्र ने भगवान राम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी (Derogatory Comment) की, जो भारतीय संस्कृति और धार्मिक भावनाओं का अपमान है।

जातिसूचक गालियों और धमकी का आरोप

लेफ्ट संगठनों का दावा है कि ABVP के सदस्यों ने जबरन बैठक में घुसकर, उनके मंच पर कब्जा किया और लेफ्ट छात्र नेताओं के साथ धक्कामुक्की की। जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष धनंजय और उपाध्यक्ष अविजित घोष का आरोप है कि ABVP के सदस्यों ने उन्हें जातिसूचक गालियां (Casteist Slurs) दीं और धमकी दी। जेएनयूएसयू का कहना है कि यह हमला न केवल व्यक्तिगत है बल्कि उनकी छात्र राजनीति को दबाने का प्रयास भी है।

इस घटना से विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों के बीच तनाव और भय का माहौल बन गया है।

ABVP का लेफ्ट संगठनों पर पलटवार

दूसरी ओर, ABVP के सदस्यों ने लेफ्ट संगठनों पर भगवान राम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी (Derogatory Comment) करने का आरोप लगाते हुए निंदा की है। उनका कहना है कि यह टिप्पणी भारतीय संस्कृति और धार्मिक भावनाओं का अपमान है, जिससे ABVP के छात्र भड़क गए। उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी जैसे स्थान पर ऐसी टिप्पणियों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

ABVP ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए लेफ्ट संगठनों को चेतावनी दी कि वे इस तरह की टिप्पणी से बचें, जिससे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हों।

क्या इस घटना का असर छात्र राजनीति पर होगा?

जेएनयू में छात्र संगठनों के बीच झड़प और आरोप-प्रत्यारोप का यह मामला कहीं न कहीं छात्र राजनीति के उस पहलू को उजागर करता है, जहां वैचारिक मतभेद का परिणाम हिंसक विवाद के रूप में सामने आता है। लेफ्ट और ABVP के बीच यह तनाव और बढ़ सकता है, खासकर ऐसे समय में जब विश्वविद्यालय में आगामी चुनावों की तैयारी हो रही है। इस घटना का प्रभाव सिर्फ JNU तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य विश्वविद्यालयों और राष्ट्रीय राजनीति पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है।

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