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Srinagar’s First Grand Diwali Celebration: कश्मीर की धरती पर इतिहास रचा गया; लाल चौक पर पहली बार मनी भव्य दिवाली, हजारों दीयों की रोशनी से जगमगाया आसमान

Srinagar's First Grand Diwali Celebration: कश्मीर की धरती पर इतिहास रचा गया; लाल चौक पर पहली बार मनी भव्य दिवाली, हजारों दीयों की रोशनी से जगमगाया आसमान
Srinagar: 'Diyas' being lit during the Diwali festival celebration, at Lal Chowk in Srinagar, Thursday, Oct 31, 2024. (PTI Photo/S Irfan)(PTI10_31_2024_000313B)
जम्मू-कश्मीर के इतिहास में एक नया सुनहरा अध्याय जुड़ गया है। लाल चौक दीपोत्सव (Lal Chowk Deepotsav) के रूप में श्रीनगर ने एक ऐसा नजारा देखा, जो कभी किसी ने सोचा भी नहीं था। ऐतिहासिक घंटाघर के पास पहली बार इतनी भव्यता से दिवाली का त्योहार मनाया गया, जिसने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा।

रोशनी का त्योहार

लाल चौक दीपोत्सव (Lal Chowk Deepotsav) ने श्रीनगर के दिल को एक नई रोशनी से जगमगा दिया। सुबह से ही यह क्षेत्र पर्यटकों और स्थानीय लोगों से गुलजार था। दुकानदारों ने अपनी दुकानों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया, जबकि घंटाघर को विशेष प्रकाश व्यवस्था से नया रूप दिया गया। शाम होते ही पूरा बाजार दीपों की रोशनी से जगमगा उठा, जो देखने वालों के लिए एक अविस्मरणीय नजारा था।

सांस्कृतिक एकता का प्रदर्शन

इस कार्यक्रम में विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी दीये जलाने में सक्रिय भागीदारी की, जो सांप्रदायिक सौहार्द का एक बेहतरीन उदाहरण बना। गुजरात से आई पर्यटक रश्मि ने बताया कि उन्होंने ऐसा उत्सवी माहौल पहले कभी नहीं देखा। यहां के लोगों का प्यार और अपनापन उन्हें हमेशा याद रहेगा।

स्थानीय समुदाय का योगदान

श्रीनगर का पहला भव्य दिवाली समारोह (Srinagar’s First Grand Diwali Celebration) स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी के बिना संभव नहीं था। दुकानदारों ने अपनी दुकानों को विशेष रूप से सजाया, जबकि युवाओं ने स्वयंसेवकों के रूप में कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कई स्थानीय संगठनों ने मिलकर रंगोली प्रतियोगिता और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया, जिसमें सभी धर्मों के लोगों ने भाग लिया।

सुरक्षा और व्यवस्था

इस ऐतिहासिक आयोजन की सफलता के लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए। पूरे क्षेत्र में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई, लेकिन उनकी मौजूदगी इस तरह से थी कि आम लोगों को किसी तरह की असुविधा महसूस न हो। यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए विशेष मार्ग बनाए गए, और पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था की गई।

पर्यटकों का अनुभव

देश के विभिन्न हिस्सों से आए पर्यटकों ने इस अवसर पर अपनी खुशी जाहिर की। दिल्ली से आए सुरेश कुमार ने बताया कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे लाल चौक पर दिवाली मनाएंगे। मुंबई से आई एक पर्यटक सीमा ने कहा कि यह उनके जीवन का सबसे यादगार दिवाली समारोह था। कश्मीरी लोगों की मेहमाननवाजी ने उन्हें भावुक कर दिया।

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