Indian Spiritual Ceremony at White House: सोशल मीडिया पर एक रोचक तस्वीर ने लोगों का ध्यान खींचा है, जिसमें हिंदू पूजा में ट्रंप (Trump at Hindu Prayer) को एक भारतीय पुजारी के साथ देखा जा रहा है। यह तस्वीर इतनी तेजी से वायरल हो रही है कि लोग इसे लेकर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। आइए जानते हैं इस दिलचस्प तस्वीर के पीछे की पूरी कहानी।
वायरल तस्वीर का सच और इसका इतिहास हाल ही में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई जिसमें हिंदू पूजा में ट्रंप (Trump at Hindu Prayer) को देखा जा सकता है। कई लोगों ने दावा किया कि यह तस्वीर हाल ही में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद की है। लेकिन यह दावा पूरी तरह से गलत है। असल में यह तस्वीर मई 2020 की है, जब दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी। उस समय तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक खास मौके पर न्यू जर्सी के बी.ए.पी.एस स्वामीनारायण मंदिर के पुजारी हरीश ब्रह्मभट्ट को व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया था।
व्हाइट हाउस में आध्यात्मिक समारोह का महत्व व्हाइट हाउस में भारतीय आध्यात्मिक समारोह (Indian Spiritual Ceremony at White House) का यह विशेष आयोजन नेशनल डे ऑफ प्रेयर के अवसर पर किया गया था। व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। पुजारी हरीश ब्रह्मभट्ट ने संस्कृत में वैदिक मंत्रों का पाठ किया, जिसका मुख्य उद्देश्य कोविड-19 से प्रभावित लोगों के स्वास्थ्य और विश्व शांति के लिए प्रार्थना करना था। यह पहली बार नहीं था जब व्हाइट हाउस में हिंदू धर्म के प्रतिनिधि को आमंत्रित किया गया था। इससे पहले भी कई बार दीपावली और अन्य भारतीय त्योहारों पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है।
समारोह की विशेषताएं और प्रभाव इस विशेष प्रार्थना सभा में हरीश ब्रह्मभट्ट ने न केवल वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया बल्कि उन्होंने विश्व शांति और स्वास्थ्य के लिए विशेष प्रार्थना भी की। कार्यक्रम में यहूदी, ईसाई, मुस्लिम और अन्य धर्मों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। यह कार्यक्रम अमेरिका की धार्मिक विविधता और सहिष्णुता का एक उदाहरण बन गया। तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप ने इस अवसर पर सभी धर्म गुरुओं के साथ बातचीत की और उनके विचारों को सुना।
तथ्यों की विस्तृत जांच वायरल तस्वीर की सत्यता की जांच के लिए कई स्रोतों का सहारा लिया गया। फोटो स्टॉक वेबसाइट्स फ्लिकर और अलामी पर यह तस्वीर 7 मई 2020 की तारीख के साथ मौजूद है। इसके अलावा, तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस कार्यक्रम का एक वीडियो शेयर किया था। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि यह एक धार्मिक समारोह था जिसमें विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
सोशल मीडिया पर भ्रामक दावों का प्रभाव वर्तमान में जो दावे किए जा रहे हैं कि यह तस्वीर हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव के बाद की है, वे पूरी तरह से निराधार हैं। ऐसी भ्रामक जानकारी का प्रसार समाज में गलत संदेश फैलाता है और लोगों को गुमराह करता है। यह महत्वपूर्ण है कि सोशल मीडिया पर किसी भी जानकारी को शेयर करने से पहले उसकी सत्यता की जांच कर ली जाए।
व्हाइट हाउस और भारतीय संस्कृति का संबंध इस घटना ने अमेरिका और भारत के बीच सांस्कृतिक संबंधों को एक नया आयाम दिया। यह कार्यक्रम दोनों देशों के बीच बढ़ती सांस्कृतिक समझ का प्रतीक बना। व्हाइट हाउस में वैदिक मंत्रों की गूंज ने न केवल भारतीय समुदाय को गौरवान्वित किया बल्कि यह अमेरिका की बहुसांस्कृतिक प्रकृति का भी प्रमाण बनी।
#TrumpHinduPrayer #WhiteHouseSpirituality #IndianPriestUSA #ViralFactCheck #USIndiaCulture
ये भी पढ़ें: Ajit Pawar’s Revelation: BJP-NCP की डील में शामिल थे गौतम अडानी! अजित ये बताकर कहना क्या चाहते हैं?































