Animal Movie Review: ‘Animal’ शब्द सुनते ही आपके दिमाग में एक ही विजुअल आता होगा, वह है खूंखार जानवर का. हम यहां किसी भी जानवर के लिए कोई गलत धारणा नहीं बना रहे हैं. हम ये जानते हैं कि हर एनिमल का अपना नेचुरल स्वभाव होता है. लेकिन जब ऐसा ही खूंखार स्वभाव किसी इंसान में नज़र आए तो उसे आप क्या कहेंगे? ऐसा ही एनिमल जैसा किरदार निभाया है बॉलीवुड के हैंडसम हंक रणबीर कपूर ने.
रणबीर कपूर की फिल्म Animal, अनाउंसमेंट के बाद से ही सुर्ख़ियों में बनी हुई है, अभिनेता भी जोरो-शोरों से फिल्म का प्रमोशन कर रहे हैं. आज फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है. फिल्म पिता और बेटे के बीच के रिश्ते पर आधारित है. संदीप रेड्डी वांगा द्वारा डायरेक्टेड एनिमल में रणबीर कपूर ने अपने दमदार अभिनय से सबको चौंका कर रख दिया है और यह साबित कर दिया है कि उनसे बेहतर अभिनेता कोई नहीं है. इतने इंटेंस, गुस्सैल और वायलेंस से भरे किरदार को उन्होंने बखूबी निभाया है.
कहानी
फिल्म की कहानी शुरु होती है विजय (रणबीर कपूर) से जोकि अपने पापा (अनिल कपूर) से बहुत प्यार करता है, पापा बलवीर सिंह (अनिल कपूर) दुनिया के सबसे अमीर उद्योगपतियों में से एक हैं, लेकिन उनके पास अपने परिवार और बेटे के लिए वक्त नहीं है. विजय अपने पापा को अपना सुपर हीरो मानता है, वह उनके जन्मदिन के लिए इतना उत्साहित रहता है कि स्कूल में टीचर से मार खा जाता है, यही नहीं पापा के जन्मदिन पर स्कूल में चॉकलेट भी बांटता है. लेकिन पापा अपने काम में इतना मशगूल रहते हैं कि वे उसे वक़्त नहीं दे पाते, बावजूद इसके विजय का पापा के प्रति प्रेम कभी कम नहीं होता. इसी के साथ विजय का नेचर बहुत अग्रेसिव होता जाता है. हद तब हो जाती है जब वह अपनी बड़ी बहन का बदला लेने के लिए कॉलेज पहुंचता है और गोलियों की बारिश कर देता है, जिसके कारण उसके पापा उसे अमेरिका पढ़ाई करने के लिए भेज देते हैं. पापा के जन्मदिन पर विजय अमेरिका से वापस आता है, लेकिन उसके नेचर में कोई बदलाव नहीं आता, जो पिता बलवीर सिंह को परेशान करता है. इसी के साथ ही विजय को गीतांजलि (रश्मिका मंदाना) से प्यार हो जाता है और वह पैरेंट्स की बिना मर्जी के शादी कर लेता है और अमेरिका शिफ्ट हो जाता है. पर पापा बलवीर सिंह पर हमले की खबर सुन वह इंडिया वापस लौट आता है और यहां से शुरु होती है असली बदले की कहानी. इससे आगे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी.
रिव्यु
फिल्म में रणबीर सिंह का किरदार बेहद ही अड़ियल और गुस्सैल किस्म का है, लेकिन उनका लॉजिक उसके अग्रेशन को छिपा देता है. रणबीर ने अपने अभिनय से विजय के किरादर में जान भर दी है. फिल्म में वे अलग-अलग शेड्स में नज़र आए हैं, लेकिन हर एक शेड में वे गजब के लग रहे हैं. जब-जब वे स्क्रीन पर आते हैं, उनसे नज़र ही नहीं हटती. संदीप रेड्डी वांगा का डायरेक्शन कमाल का है. उन्होंने जिस तरह से विजय से किरदार को गढ़ा है वह काबिले तारीफ़ है. फिल्म में रश्मिका मंदाना के लिए ज्यादा कुछ करने को नहीं है, लेकिन फिर भी उन्हें जितना स्क्रीन स्पेस मिला है उसमें उन्होंने खुद को जस्टिफाई किया है. वहीं फिल्म का सबसे अहम किरदार हैं बलबीर सिंह (अनिल कपूर). अनिल कपूर ने रणबीर के पिता बलबीर सिंह का किरदार बखूबी निभाया है, लेकिन रणबीर ने अपने अभिनय से सभी को पीछे छोड़ दिया है. चेरी ऑन द केक (Cherry on the cake) हैं बॉबी देओल. उनकी एंट्री फिल्म को नया मोड़ देती है. हालांकि जितनी स्क्रीन स्पेस उन्हें मिलनी चाहिए थी, वो नहीं मिली है, लेकिन जितने समय के लिए वो स्क्रीन पर थे, उन्होंने कमाल कर दिया है. फिल्म में आप समझ ही नहीं पाएंगे की रणबीर का किरदार नेगेटिव है या पॉजिटिव. हालांकि फिल्म में कुछ खामियां भी हैं, कई सीन्स ऐसे हैं जो लॉजिकल नहीं लगते. फिल्म आपको एक ऐसी दुनिया में ले जाती है जहां कानून या पुलिस व्यवस्था नहीं है.
स्क्रीनप्ले और डायलॉग्स
संदीप रेड्डी वांगा ने अपने निर्देशन से Animal की जो दुनिया तैयार की है, वह गजब की है. फिल्म के एक एक सीन्स ज़बरदस्त प्रभाव छोड़ते हैं. स्क्रीनप्ले और डायलॉग्स दोनों ही दमदार हैं.
म्यूजिक
फिल्म के गाने कमाल के हैं. वहीं फाइटिंग सीन में जो बेकग्राउंड म्यूजिक है वह आपको बांध कर रखेगा. ओवरऑल आप एक सेकंड के लिए भी बोर नहीं होगे.
स्टार
4 स्टार