Annamalai Protest: तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई (K. Annamalai) का हाल ही में किया गया विरोध प्रदर्शन पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया है। यह विरोध अन्ना विश्वविद्यालय की एक छात्रा के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले पर न्याय की मांग को लेकर किया गया। अन्नामलाई ने अपने घर के सामने शर्ट उतारकर खुद को कोड़े मारे और यह वादा किया कि जब तक राज्य की द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) सरकार सत्ता में है, वे चप्पल नहीं पहनेंगे।
यह विरोध न केवल तमिलनाडु की राजनीति में उथल-पुथल मचा रहा है, बल्कि इसने कई सवाल भी खड़े किए हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि यह मामला क्या है और इसके पीछे के कारण क्या हैं।
कोड़े मारकर न्याय की मांग: तमिलनाडु की अनूठी राजनीति
अन्नामलाई ने अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान खुद को छह बार कोड़े मारे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और इसे जनता के बीच बहुत समर्थन मिला। उनका यह प्रदर्शन अन्ना विश्वविद्यालय में एक छात्रा के साथ हुए यौन उत्पीड़न और राज्य सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ था।
अन्नामलाई ने कहा कि यह तमिल संस्कृति का हिस्सा है, जहां अन्याय के खिलाफ खुद को दंडित करके न्याय की मांग की जाती है। उन्होंने इसे राज्य में बढ़ते भ्रष्टाचार, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों के खिलाफ एक प्रतीकात्मक कदम बताया।
बिना चप्पल के रहने की कसम: विरोध का दूसरा चरण
अन्नामलाई ने अपने विरोध को एक कदम आगे बढ़ाते हुए घोषणा की कि जब तक डीएमके सरकार सत्ता से नहीं हटती, वे चप्पल नहीं पहनेंगे। उनका कहना था कि यह कदम महिलाओं की सुरक्षा और न्याय की मांग के लिए लिया गया है।
इस विरोध के दौरान उन्होंने आरोपी की डीएमके नेताओं के साथ तस्वीरें दिखाईं और दावा किया कि आरोपी पार्टी से जुड़ा होने के कारण कानून से बचता रहा है। उन्होंने पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।
आरोपी और मामले का विवरण
अन्ना विश्वविद्यालय की घटना में आरोपी 37 वर्षीय ज्ञानशेखरन है, जिस पर पहले से 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस ने जांच में पाया कि वह पीड़िता को धमकी देता था और जबरदस्ती अपने पास बुलाता था। हालांकि, राज्य के कानून मंत्री एस. रेगुपति ने आरोपी के डीएमके सदस्य होने से इनकार किया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस मामले का संज्ञान लिया और पुलिस पर सवाल उठाए। आयोग ने पुलिस द्वारा पीड़िता की पहचान उजागर करने पर कड़ी आपत्ति जताई और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
अन्नामलाई के विरोध प्रदर्शन को जनता के साथ-साथ विभिन्न राजनीतिक दलों का समर्थन भी मिला। भाजपा, अन्नाद्रमुक और माकपा समेत कई दलों ने पुलिस और सरकार की निष्क्रियता की निंदा की।
हालांकि, डीएमके ने इन आरोपों को राजनीतिक प्रचार करार देते हुए खारिज कर दिया। उनका कहना था कि भाजपा इस मामले का इस्तेमाल जनता को गुमराह करने के लिए कर रही है।
Annamalai Protest: क्या बदलेगा कुछ?
तमिलनाडु में इस घटना ने राजनीति और समाज दोनों को झकझोर कर रख दिया है। के. अन्नामलाई (K. Annamalai) का विरोध केवल एक व्यक्ति का आक्रोश नहीं, बल्कि राज्य में अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सामूहिक आवाज बन गया है।
हालांकि, सवाल यह है कि क्या इस प्रदर्शन से राज्य की व्यवस्था में कोई बदलाव आएगा, या यह केवल एक और राजनीतिक विवाद बनकर रह जाएगा। समय ही बताएगा कि इस मामले का न्यायिक और राजनीतिक परिणाम क्या होगा।
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