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सावधान! मार्केट में आया नया Credit Card Scam, आपके हां कहते ही CIBIL Score का हो जाएगा बेड़ा गर्क

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आज के समय में क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का उपयोग हर नौकरीपेशा और व्यवसायिक व्यक्ति के लिए आम हो गया है। ये न केवल एक सुविधाजनक भुगतान विकल्प है, बल्कि इसके जरिए आपको आपातकालीन फंड तक पहुंच भी मिलती है। हालांकि, जैसे-जैसे क्रेडिट कार्ड का उपयोग बढ़ा है, इससे जुड़े धोखाधड़ी (Scam) के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं।

इन दिनों एक नया क्रेडिट कार्ड स्कैम बाजार में सक्रिय है, जो न केवल आपकी जेब पर असर डालता है, बल्कि आपके सिबिल स्कोर (CIBIL Score) को भी खराब कर सकता है। खासतौर पर युवा, जो नई नौकरी में हैं या जिनकी सैलरी कम है, इस धोखाधड़ी के सबसे बड़े शिकार हो रहे हैं।

ये स्कैम कैसे काम करता है?
इस स्कैम में एजेंसियां भारत में कमजोर डेटा प्राइवेसी कानूनों का फायदा उठाती हैं। वे आपकी निजी जानकारी जैसे नाम, मोबाइल नंबर और पैन नंबर इकट्ठा कर लेते हैं। इसके बाद ये एजेंसियां आपको कॉल करती हैं और अधिक क्रेडिट लिमिट वाला कार्ड देने का वादा करती हैं। जैसे, “50,000 रुपये की लिमिट वाला कार्ड मिलेगा।” जब आप सारी प्रक्रियाएं पूरी कर लेते हैं, तो आपको कम क्रेडिट लिमिट वाला कार्ड मिलता है। उदाहरण के लिए, अगर वादा 50,000 रुपये का किया गया था, तो लिमिट सिर्फ 25,000 रुपये दी जाती है।

क्रेडिट यूटिलाइजेशन का असर: कम क्रेडिट लिमिट के कारण, यदि आप कार्ड का अधिक उपयोग करते हैं, तो आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो (Credit Utilization Ratio) बढ़ जाता है। आदर्श रूप से ये 30% से कम होना चाहिए, लेकिन अधिक रेशियो आपके सिबिल स्कोर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।

सिबिल स्कोर कैसे खराब होता है?
क्रेडिट कार्ड का उपयोग एक प्रकार का छोटा लोन होता है। जब आप अपनी क्रेडिट लिमिट का बड़ा हिस्सा खर्च करते हैं, तो ये आपके सिबिल स्कोर को प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए आपके कार्ड की लिमिट 25,000 रुपये है। आपने इसमें से 20,000 रुपये खर्च किए।
इसका मतलब है कि आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो (Credit Utilization Ratio) 80% हो गया। आदर्श रूप से, ये रेशियो 30% से कम होना चाहिए। उच्च रेशियो ये दिखाता है कि आप वित्तीय रूप से अस्थिर हैं। इससे आपका सिबिल स्कोर गिर सकता है, जो भविष्य में लोन या अन्य क्रेडिट कार्ड के लिए समस्या पैदा कर सकता है।

एजेंसियों का उद्देश्य क्या है?
इस तरह की एजेंसियां केवल अधिक से अधिक क्रेडिट कार्ड बेचने पर ध्यान देती हैं।
हर कार्ड बेचने पर उन्हें कमीशन मिलता है।
ग्राहक की वित्तीय स्थिति या सिबिल स्कोर की चिंता किए बिना, वे उन्हें गलत जानकारी देकर कार्ड बेचते हैं। ग्राहकों को अधिक लिमिट का झांसा देकर कम लिमिट वाला कार्ड देकर छोड़ दिया जाता है।

इस धोखाधड़ी से कैसे बचें?
1. सीधे बैंक से संपर्क करें: नया क्रेडिट कार्ड लेने के लिए हमेशा सीधे बैंक से संपर्क करें। बैंकों द्वारा दी गई जानकारी अधिक भरोसेमंद और सुरक्षित होती है।

2. एजेंसी की वैधता जांचें: अगर कोई एजेंसी आपको क्रेडिट कार्ड की पेशकश करती है, तो उसकी प्रमाणिकता की जांच करें।

3. शर्तें ध्यान से पढ़ें: क्रेडिट कार्ड को एक्टिवेट करने से पहले उसकी सभी शर्तों को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

4. धोखाधड़ी की रिपोर्ट करें: यदि आपको धोखा दिया गया है, तो तुरंत बैंक और संबंधित प्राधिकरण (Regulatory Authority) को इसकी सूचना दें।

5. डेटा प्राइवेसी का ख्याल रखें: अपनी निजी जानकारी किसी अनजान व्यक्ति या एजेंसी के साथ साझा न करें।

आज के दौर में, जहां क्रेडिट कार्ड का उपयोग जरूरी हो गया है, वहीं इससे जुड़ी धोखाधड़ी के मामलों से सतर्क रहना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। क्रेडिट कार्ड स्कैम (Credit Card Scam) न केवल आपकी आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है, बल्कि आपके सिबिल स्कोर को भी खराब कर सकता है।

तो सतर्क रहें, सही जानकारी प्राप्त करें, और क्रेडिट कार्ड का उपयोग सोच-समझकर करें। याद रखें, आपका सिबिल स्कोर आपकी वित्तीय विश्वसनीयता का प्रतिबिंब है। इसे सुरक्षित रखना आपकी जिम्मेदारी है।

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