महाराष्ट्र

शिंदे नहीं चाहते थे राज ठाकरे को महायुती में शामिल करना, मनसे प्रमुख ने किया खुलासा

राज ठाकरे
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महाराष्ट्र की राजनीति में हलचलें तेज हो गई हैं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने हाल ही में अपने निवास शिवतीर्थ पर पार्टी पदाधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में आगामी मुंबई महानगरपालिका चुनाव और राज्य के 16 अन्य महानगरपालिका और नगर निगम चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन पर चर्चा की गई।

शिंदे नहीं थे गठबंधन के पक्ष में
सूत्रों के अनुसार, राज ठाकरे ने स्पष्ट किया कि विधानसभा चुनावों में महायुति के साथ गठबंधन इसलिए संभव नहीं हो पाया क्योंकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस गठबंधन के पक्ष में नहीं थे। हालांकि, मनसे के अधिकांश पदाधिकारी चाहते हैं कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में उनकी पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन करे। इस बैठक में एक समन्वय समिति स्थापित करने की योजना पर सहमति बनी, जो गठबंधन की रणनीतियों को सुचारू रूप से लागू करेगी।

भाजपा की चुनावी रणनीति
भारतीय जनता पार्टी भी इस गठबंधन में रुचि रखती है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा चाहती है कि महानगरपालिका चुनाव में राज ठाकरे का चेहरा और उनका कट्टर हिंदू-मराठी ब्रांड शामिल हो। इससे उद्धव ठाकरे की शिवसेना का मतदाता भाजपा-महायुति में स्थानांतरित हो सकता है।

एनसीपी की बैठक
वहीं, 8 और 9 जनवरी को शरद पवार की नेतृत्व वाली एनसीपी पार्टी की दो दिवसीय बैठक मुंबई के वाई बी चव्हाण सभागृह में आयोजित होने जा रही है। एनसीपी के अधिकतर नेता चाहते हैं कि पार्टी का अजित पवार के गुट के साथ विलय हो। ये मांग इसलिए जोर पकड़ रही है क्योंकि अजित पवार की पार्टी ने हाल के विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था।

हालांकि, शरद पवार अजित पवार के साथ पार्टी के विलय या उनके गुट में शामिल होने को तैयार नहीं हैं। ऐसी संभावना है कि शरद पवार 9 जनवरी को मीडिया के सामने आकर इस मुद्दे पर अपना पक्ष स्पष्ट करेंगे। इसी बीच, खबरें हैं कि अजित पवार दिल्ली जाकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। इससे महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं।

महाराष्ट्र की राजनीति में बदलाव के संकेत स्पष्ट हैं। राज ठाकरे और शरद पवार, दोनों ही नेता अपनी-अपनी पार्टियों के भविष्य को लेकर अहम फैसले लेने की तैयारी में हैं। ऐसे में अब ये देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में ये गठबंधन और राजनीतिक चालें किस दिशा में जाती हैं।

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