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मुगलों ने या अंग्रेजों ने, भारत को लूटने में किसका रहा है सबसे बड़ा योगदान?

भारत
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भारत, जिसे कभी “सोने की चिड़िया” कहा जाता था, अपनी अपार संपत्ति और सांस्कृतिक धरोहर के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध था। लेकिन समय के साथ, भारत को आक्रमणकारियों और उपनिवेशवादियों के हाथों अपनी संपत्ति और पहचान गंवानी पड़ी। इतिहास में दो प्रमुख काल ऐसे हैं जिन्होंने भारत को सबसे अधिक प्रभावित किया – मुगल काल और ब्रिटिश शासन।

अब सवाल ये है कि भारत को किसने सबसे ज्यादा लूटा, मुगलों ने या अंग्रेजों ने? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमें दोनों कालों के आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक प्रभावों को समझना होगा।

मुगल साम्राज्य: कला और वास्तुकला के साथ लूटपाट
मुगलों ने 1526 से 1857 तक लगभग 300 वर्षों तक भारत पर शासन किया। मुगलों ने भारत की संपत्ति और धन पर कब्जा जमाने के लिए कई आक्रमण किए। बाबर ने पानीपत की लड़ाई में विजयी होकर दिल्ली सल्तनत की नींव डाली। इसके बाद अकबर, जहांगीर और औरंगजेब जैसे शासकों ने भारत के विभिन्न हिस्सों में विस्तार किया। मुगल साम्राज्य के दौरान, भारत में ताजमहल और लाल किला जैसे भव्य स्मारक बने, लेकिन इनके निर्माण में अत्यधिक धन का इस्तेमाल हुआ। धार्मिक असहिष्णुता के कारण मंदिरों और संस्थानों को भी नुकसान पहुंचाया गया। हालांकि, उन्होंने भारत की संस्कृति में कुछ योगदान भी दिए, लेकिन संपत्ति और संसाधनों की लूट भी व्यापक रही।

ब्रिटिश शासन: संगठित लूट और अर्थव्यवस्था पर चोट
अंग्रेजों ने भारत पर लगभग 200 वर्षों तक शासन किया। 1608 में अंग्रेजों ने सूरत में एक व्यापारिक कारखाना स्थापित कर भारत में कदम रखा। लेकिन धीरे-धीरे “फूट डालो और राज करो” की नीति के जरिए भारत पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त कर लिया। ब्रिटिश शासन के दौरान, भारत की अर्थव्यवस्था को व्यवस्थित तरीके से लूटा गया। उन्होंने भारतीय उद्योगों को खत्म कर ब्रिटिश उत्पादों को बढ़ावा दिया। लगान और टैक्स की कठोर नीतियों ने किसानों और मजदूरों को कर्ज के जाल में फंसा दिया। भारत की कई दुर्लभ और अनमोल वस्तुओं को ब्रिटेन भेजा गया, जिसमें कोहिनूर हीरा और अन्य संपत्तियां शामिल थीं। ब्रिटिश सरकार ने रेलवे और सड़कों का निर्माण किया, लेकिन इसका उद्देश्य भारतीयों की सेवा नहीं, बल्कि भारत से संसाधनों को तेजी से ब्रिटेन भेजना था।

किसने पहुंचाया भारत को अधिक नुकसान?
अगर तुलना करें तो ये स्पष्ट है कि अंग्रेजों ने भारत को मुगलों से अधिक नुकसान पहुंचाया।
मुगलों ने धन-संपत्ति की लूटपाट और धार्मिक असहिष्णुता फैलाई, लेकिन उन्होंने कला, वास्तुकला और साहित्य में योगदान दिया। अंग्रेजों ने भारत की आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर दिया। उनके शासन के अंत तक भारत गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर हो चुका था।

भारत की गुलामी की कहानियां चाहे मुगलों से जुड़ी हों या अंग्रेजों से, दोनों ने भारत को अपार नुकसान पहुंचाया। लेकिन ब्रिटिश शासन का व्यवस्थित और दीर्घकालिक प्रभाव अधिक विनाशकारी था। मुगलों ने भारतीय संस्कृति में योगदान किया, लेकिन अंग्रेजों ने इसे खत्म करने की पूरी कोशिश की।

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