Trump’s Second Term: डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेकर अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत कर दी है। शपथ ग्रहण के बाद दिए अपने भाषण और हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेशों के जरिए उन्होंने दुनिया को अपनी प्राथमिकताओं और नीतियों का संकेत दिया। उन्होंने इस मौके पर वैश्विक कूटनीति, घरेलू नीति, और आर्थिक सुधारों के बारे में विस्तार से बात की।
ट्रंप ने अपने संबोधन में 20 जनवरी के दिन को ‘लिबरेशन डे’ (Liberation Day) करार दिया और कहा कि अमेरिका के लिए बदलाव का समय आ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके दूसरे कार्यकाल में अमेरिका फिर से सबसे ताकतवर और महान राष्ट्र बनेगा।
चीन पर सख्त रुख और व्यापार नीति
ट्रंप ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही चीन पर सख्त रुख अपनाने की बात कही। उन्होंने ओवल ऑफिस में फाइलों पर हस्ताक्षर करते हुए मीडिया से बातचीत में कहा कि अमेरिका-चीन व्यापार समझौते पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। ट्रंप ने कहा, “अगर चीन ने अमेरिका-टिकटॉक (US-TikTok) डील को मंजूरी नहीं दी, तो हम उस पर भारी टैरिफ लगा सकते हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि उनके कार्यकाल से पहले चीन अमेरिका को व्यापार में लूटता रहा था, लेकिन उनके पिछले कार्यकाल में टैरिफ के जरिए सैकड़ों अरब डॉलर कमाए गए। ट्रंप ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हाल ही में हुई बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि चीन के साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बैठकें होंगी।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप का बयान
रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर वे राष्ट्रपति होते, तो यह युद्ध कभी शुरू नहीं होता। उन्होंने युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करने की योजना पर काम करने का वादा किया। ट्रंप का मानना है कि अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर प्रभावी और निर्णायक भूमिका निभानी चाहिए।
ग्रीनलैंड पर नियंत्रण की योजना
ग्रीनलैंड के महत्व पर बात करते हुए ट्रंप ने इसे अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि डेनमार्क ग्रीनलैंड पर बहुत खर्च कर रहा है, जबकि ग्रीनलैंड के लोग डेनमार्क से खुश नहीं हैं। ट्रंप ने ग्रीनलैंड को रूस और चीन की गतिविधियों से बचाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इजरायल और सऊदी अरब के संबंध
ट्रंप ने इजरायल और सऊदी अरब के संबंधों पर बात करते हुए अब्राहम समझौते (Abraham Accord) में सऊदी अरब के शामिल होने की संभावना जताई। हालांकि उन्होंने कहा कि इसमें अभी कुछ समय लग सकता है, लेकिन यह समझौता दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा।
WHO से अमेरिका की दूरी
ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अमेरिका को अलग करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि जब वे पहले राष्ट्रपति थे, तो उन्होंने WHO को दी जाने वाली 500 मिलियन डॉलर की सहायता बंद कर दी थी, जबकि चीन केवल 39 मिलियन डॉलर का भुगतान करता था। उन्होंने इस व्यवस्था को “अनुचित” बताया और इसे बदलने का संकल्प लिया।
पेरिस जलवायु समझौता से अलगाव
ट्रंप ने अमेरिका को पेरिस जलवायु समझौते (Paris Climate Agreement) से एक बार फिर अलग करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यह समझौता अमेरिका के लिए हानिकारक है और इसकी शर्तें देश के विकास को बाधित करती हैं।
अमेरिकी न्याय प्रणाली में सुधार
ट्रंप ने न्याय प्रणाली को संतुलित करने और न्याय विभाग के दुरुपयोग को रोकने की बात कही। उन्होंने घरेलू तेल उत्पादन को बढ़ाने, कर प्रणाली में सुधार लाने और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम को समाप्त करने का भी वादा किया।
मेक्सिको सीमा और सुरक्षा पर जोर
ट्रंप ने अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर आपातकाल लागू करने और पनामा नहर को वापस लेने की योजना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह कदम अमेरिका की सुरक्षा और उसके वैश्विक प्रभाव को मजबूत करेगा।
अमेरिका का स्वर्ण युग शुरू होगा
अपने भाषण के अंत में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका फिर से दुनिया का सबसे ताकतवर, सम्मानित और ईर्ष्या का विषय बनने जा रहा है। उन्होंने अमेरिकी लोगों को भरोसा दिलाया कि उनका भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल है।
#DonaldTrump, #USPolitics, #GlobalPolicies, #TrumpReturns, #AmericaFirst
ये भी पढ़ें: 21 जनवरी 2025 का राशिफल: जानिए आज का दिन कैसा रहेगा आपके लिए