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Delhi Election 2025: क्या मुकाबला टाई हो सकता था? कांग्रेस ने 13 सीटों पर AAP का खेल बिगाड़ दिया!

Delhi Election 2025: क्या मुकाबला टाई हो सकता था? कांग्रेस ने 13 सीटों पर AAP का खेल बिगाड़ दिया!

Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे सामने आ चुके हैं और इस बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी की है। बीजेपी को 48 सीटें मिलीं, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई। दिल्ली की राजनीति में यह नतीजे किसी बड़े उलटफेर से कम नहीं हैं, लेकिन यहां एक और दिलचस्प बात सामने आई है।

70 विधानसभा सीटों में से 13 सीटें ऐसी रहीं जहां कांग्रेस के उम्मीदवारों ने AAP को सीधा नुकसान पहुंचाया। इन 13 सीटों पर AAP उम्मीदवारों की हार का अंतर कांग्रेस को मिले वोटों से कम था। अगर कांग्रेस और AAP साथ मिलकर चुनाव लड़ते, तो दिल्ली का नतीजा पूरी तरह बदल सकता था

कैसे कांग्रेस ने AAP को नुकसान पहुंचाया?

इन 13 सीटों पर हार का अंतर कांग्रेस को मिले वोटों से भी कम रहा। मतलब साफ है कि अगर AAP और कांग्रेस ने गठबंधन किया होता, तो ये सभी सीटें बीजेपी हार सकती थी और मुकाबला 35-35 सीटों पर टाई हो सकता था

सबसे करीबी मुकाबला संगम विहार सीट पर हुआ, जहां AAP उम्मीदवार दिनेश मोहनिया सिर्फ 344 वोट से हार गए। कांग्रेस के हरीश चौधरी को 15,863 वोट मिले। यानी कांग्रेस ने इस सीट पर AAP को सीधा नुकसान पहुंचाया।

इसी तरह, त्रिलोकपुरी सीट पर AAP की अंजना पार्चा महज 392 वोटों से हारीं, जबकि कांग्रेस के अमरदीप को 6,147 वोट मिले। अगर कांग्रेस के वोट AAP को मिलते, तो यह सीट बीजेपी के हाथ में नहीं जाती।

दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी जंगपुरा सीट से सिर्फ 675 वोटों से हार गए। कांग्रेस के फरहद सूरी ने 7,350 वोट लिए, जिससे यह साफ हो गया कि कांग्रेस ने AAP को बड़ा नुकसान पहुंचाया।

तिमारपुर सीट पर AAP के सुरिंदर पाल सिंह 1,168 वोटों से हार गए, जबकि कांग्रेस के लोकेंद्र कल्याण सिंह ने 8,361 वोट हासिल किए

AAP के बड़े नेता दुर्गेश पाठक भी राजिंदर नगर सीट से 1,231 वोटों से हार गए, और कांग्रेस के विनीत यादव ने वहां 4,015 वोट लिए

महरौली सीट पर AAP के महेंद्र चौधरी 1,782 वोटों से हारे, जबकि कांग्रेस की पुष्पा सिंह ने 9,338 वोट लिए

AAP के सोमनाथ भारती मालवीय नगर सीट से 2,131 वोटों से हार गए, जबकि कांग्रेस के जितेंदर कुमार कोचर ने 6,770 वोट लिए

इसी तरह, ग्रेटर कैलाश सीट पर AAP के सौरभ भारद्वाज 3,188 वोटों से हारे, जबकि कांग्रेस के गर्वित सिंघवी को 6,711 वोट मिले

सबसे बड़ी हार नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल को झेलनी पड़ी, जहां वे 4,089 वोटों से हारे, और कांग्रेस के संदीप दीक्षित को 4,568 वोट मिले

छतरपुर सीट पर AAP प्रत्याशी ब्रह्म सिंह तंवर 6,239 वोट से हारे, जबकि कांग्रेस के राजेंद्र सिंह तंवर को 6,601 वोट मिले

मादीपुर सीट पर AAP की राखी बिड़ला को 10,899 वोटों से हार मिली, जबकि कांग्रेस के जेपी पंवार 17,958 वोट लाए

बदली सीट पर AAP के अजेश यादव 15,163 वोटों से हारे, जबकि कांग्रेस के देवेंदर यादव ने 41,071 वोट लेकर AAP की हार तय कर दी

नंगलोई जाट सीट पर AAP प्रत्याशी रघुवींद्र शौकीन 26,251 वोटों से हारे, जबकि कांग्रेस के रोहित चौधरी 32,028 वोट लेकर आए

अगर कांग्रेस और AAP साथ होते, तो क्या दिल्ली का नतीजा अलग होता?

इन आंकड़ों को देखकर साफ है कि अगर AAP और कांग्रेस ने साथ चुनाव लड़ा होता, तो दिल्ली में बीजेपी को बहुमत नहीं मिल पाता

अगर इन 13 सीटों पर कांग्रेस के वोट AAP को मिल जाते, तो AAP की सीटें बढ़कर 35 हो जातीं और बीजेपी भी 35 पर रुक जाती। इसका मतलब यह होता कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में टाई की स्थिति बन सकती थी और किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता।

क्या AAP और कांग्रेस में आपसी समन्वय की कमी थी?

दिल्ली में AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं हुआ, जबकि बिहार और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में विपक्षी पार्टियां INDIA गठबंधन के तहत साथ आई थीं। दिल्ली में कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया और AAP को यह उम्मीद थी कि कांग्रेस कमजोर रहेगी। लेकिन नतीजों से साफ हो गया कि कांग्रेस भले ही ज्यादा सीटें नहीं जीत पाई, लेकिन उसने AAP के लिए मुश्किलें जरूर खड़ी कर दीं

क्या कांग्रेस को AAP से ज्यादा फायदा हुआ?

दिल्ली में कांग्रेस एक तरह से स्पॉइलर (खेल बिगाड़ने वाली पार्टी) बनकर उभरी। कांग्रेस ने न तो खुद कोई सीट जीती, न ही बीजेपी को ज्यादा नुकसान पहुंचाया, लेकिन AAP को हरा दिया। कांग्रेस का वोट शेयर पिछले चुनावों की तुलना में बढ़ा है, जिससे साफ है कि पार्टी अभी भी दिल्ली में प्रासंगिक है।

आगे की राजनीति: क्या AAP और कांग्रेस गठबंधन कर सकते हैं?

इस चुनावी हार के बाद AAP को यह समझना होगा कि दिल्ली में अकेले बीजेपी को हराना मुश्किल होता जा रहा है। अगर भविष्य में AAP और कांग्रेस गठबंधन करते हैं, तो वे बीजेपी को रोक सकते हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या कांग्रेस और AAP एक-दूसरे के खिलाफ लड़ाई छोड़कर साथ आ सकते हैं?

Delhi Election 2025: कांग्रेस की वजह से AAP हारी, लेकिन क्या AAP अपनी गलती से सबक लेगी?

दिल्ली चुनाव 2025 का नतीजा AAP के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ। अरविंद केजरीवाल की सरकार सिर्फ 14 सीटों से बहुमत से चूक गई, और इसमें कांग्रेस की अहम भूमिका रही। अगर कांग्रेस और AAP ने गठबंधन किया होता, तो नतीजे अलग हो सकते थे।

अब देखना होगा कि क्या AAP और कांग्रेस भविष्य में कोई रणनीति बनाते हैं या फिर 2029 के लोकसभा चुनाव में भी इसी तरह बीजेपी को फायदा मिलता रहेगा


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