Rahul Gandhi Manusmriti statement: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। धर्म संसद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया कि उनके मनुस्मृति पर दिए बयान से हिंदू समाज आहत हुआ है।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि राहुल गांधी को अपने बयान पर सफाई देनी होगी, अन्यथा उन्हें हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने की घोषणा की जाएगी।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब राहुल गांधी ने लोकसभा में हाथरस गैंगरेप केस पर बोलते हुए मनुस्मृति पर टिप्पणी की। उन्होंने सवाल उठाया कि बलात्कारियों को खुला घूमने की आजादी क्यों मिलती है, जबकि पीड़िता के परिवार को डर के कारण घर में बंद रहना पड़ता है?
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि संविधान में ऐसा कहीं नहीं लिखा, लेकिन यह शायद आपकी किताब मनुस्मृति में लिखा होगा।
धर्म संसद में राहुल गांधी के बयान की निंदा
धर्म संसद में विकास पाटनी ने इस बयान की निंदा करते हुए प्रस्ताव रखा, जिसे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने समर्थन दिया।
उन्होंने कहा कि मनुस्मृति को पवित्र ग्रंथ मानने वाले करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं इस बयान से आहत हुई हैं।
शंकराचार्य ने कहा कि राहुल गांधी को एक महीने के भीतर इस पर सफाई देनी होगी या माफी मांगनी होगी, वरना उन्हें हिंदू धर्म से बहिष्कृत कर दिया जाएगा।
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा था कि “जो बलात्कार करते हैं, वे खुलेआम घूम रहे हैं, और पीड़िता का परिवार घर में बंद रहने को मजबूर है। यह संविधान में नहीं लिखा, शायद मनुस्मृति में लिखा होगा।”
धर्म संसद में मौजूद संतों का कहना है कि राहुल गांधी ने जानबूझकर हिंदू धर्म के खिलाफ बयान दिया और मनुस्मृति को गलत तरीके से पेश किया।
क्या राहुल गांधी को हिंदू धर्म से निकाला जा सकता है?
धर्म संसद का यह प्रस्ताव राजनीतिक रूप से काफी गंभीर मामला बन गया है।
कानूनी रूप से किसी व्यक्ति को हिंदू धर्म से निकाला नहीं जा सकता, क्योंकि हिंदू धर्म कोई संगठित संस्था नहीं है, बल्कि यह व्यक्तिगत आस्था पर आधारित है।
हालांकि, अगर संत समाज किसी व्यक्ति को बहिष्कृत घोषित करता है, तो इसका सांस्कृतिक और राजनीतिक प्रभाव जरूर पड़ सकता है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और विवाद की तीव्रता
यह विवाद अब राजनीतिक रंग ले चुका है।
कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी ने संविधान की रक्षा के लिए यह बयान दिया था, न कि हिंदू धर्म का अपमान करने के लिए।
बीजेपी और हिंदू संगठनों का कहना है कि राहुल गांधी लगातार हिंदू धर्म के खिलाफ बयान देते आए हैं, और यह बयान उसी मानसिकता को दिखाता है।
क्या राहुल गांधी जवाब देंगे?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या राहुल गांधी इस पर सफाई देंगे या नहीं?
अगर वे चुप रहते हैं, तो धर्म संसद अगले महीने उन्हें हिंदू धर्म से बाहर करने की घोषणा कर सकती है।
अगर वे माफी मांगते हैं या बयान पर सफाई देते हैं, तो विवाद शांत हो सकता है।
Rahul Gandhi Manusmriti statement: क्या राहुल गांधी का बयान उनके लिए संकट बन सकता है?
महाकुंभ 2025 में धर्म संसद में पारित यह प्रस्ताव सिर्फ धार्मिक मामला नहीं, बल्कि राजनीति से भी जुड़ा हुआ है।
राहुल गांधी के लिए यह एक बड़ा संकट साबित हो सकता है, खासकर अगर इस मुद्दे को लोकसभा चुनाव से पहले और ज्यादा उछाला गया।
अब देखना होगा कि क्या राहुल गांधी इस विवाद पर अपना पक्ष रखते हैं या नहीं?
अगर वे चुप रहे, तो यह विवाद और गहरा सकता है। अगर उन्होंने माफी मांग ली, तो यह मामला जल्द शांत हो सकता है।
आने वाले दिनों में यह विवाद और तूल पकड़ सकता है, और इसके राजनीतिक प्रभाव भी काफी गंभीर हो सकते हैं।
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