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मुंबई: श्रद्धा वॉकर के पिता का देहांत, बेटी की हत्या के बाद से थे डिप्रेशन में

श्रद्धा वॉकर
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क्या आपको याद है दिल्ली का वो हत्याकांड, जिसमें आफताब पूनावाला नाम के बॉयफ्रेंड ने अपनी गर्लफ्रेंड श्रद्धा वॉकर की गला दबाकर हत्या कर दी थी, और हत्या के बाद उसके शरीर के 36 टुकड़े कर फ्रिज में रख दिए व एक-एक कर शरीर के उन हिस्सों को दिल्ली के अलग-अलग सुनसान जगहों पर फेकता रहा था, ताकि पुलिस की नजरों से खुद को बचाया जा सके। हालांकि ये अलग बात रही कि पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। लेकिन श्रद्धा के घरवालों का दर्द अब तक कम नहीं हुआ है। अब तो बेटी की मौत से डिप्रेशन के शिकार हुए पिता ने भी दम तोड़ दिया है। जी हां, खबर है कि श्रद्धा वॉकर के पिता की वसई में हार्ट अटैक से मौत हो गई है।

बताया जा रहा है कि 27 साल की बेटी श्रद्धा वॉकर की हत्या से उनका पूरा परिवार टूटकर बिखर गया था। पिता विकास वॉकर बेटी की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। बेटी की हत्या के बाद से ही वो डिप्रशन में थे, जिसका इलाज चल रहा था। पिता ने कोर्ट से आरोपी के लिए सजाए मौत की मांग की थी, लेकिन न्याय की इस लड़ाई को वे पूरा नहीं कर सके।

तिहाड़ जेल में बंद है आरोपी
गौरतलब है कि नवंबर 2024 में जेल अधिकारियों ने आरोपी आफताब पूनावाला की सुरक्षा को लेकर समीक्षा की, क्योंकि उसे लॉरेंस बिश्नोई गैंग से कथित रूप से धमकियां मिल रही थीं। इस दौरान पूछताछ में सिद्दीकी हत्याकांड के मुख्य आरोपी शिवकुमार गौतम उर्फ शिवा ने खुलासा किया कि बिश्नोई गैंग के सदस्य शुभम लोंकर ने आफताब पर हमला करने की योजना बनाई थी। हालांकि, जेल की कड़ी सुरक्षा के कारण ये हमला नहीं हो सका। अभी भी आरोपी आफताब पूनावाला दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है और मामले की सुनवाई अभी भी जारी है।

आफताब के साथ लिव-इन-रिलेशन में रह रही थी श्रद्धा
बता दें कि श्रद्धा वॉकर और आफताब पूनावाला हत्या से पहले पिछले तीन सालों से रिश्ते में थे और लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे थे। पहले वे वसई, मुंबई में किराए के मकान में रहते थे, फिर दिल्ली शिफ्ट हो गए। दरअसल श्रद्धा और आफताब का रिश्ता उसके परिवार को पसंद नहीं था। 2019 में जब श्रद्धा ने लिव-इन रिलेशनशिप में रहने का फैसला किया, तो उसके परिवार ने इसका विरोध किया। लेकिन श्रद्धा ने कहा कि वो 25 साल की हो चुकी है और अपने फैसले खुद ले सकती है। उसने अपने पिता से यहां तक कह दिया था कि वे उसे अपनी बेटी मानना बंद कर दें, लेकिन पिता तो पिता ही होता है, बच्चे कितनी भी बड़ी गलती क्यों ना करे उसके एक छोटे से दर्द को भी वो झेल नहीं सकता, यहां तो बेटी की हत्या हुई थी।

श्रद्धा के परिवार के लिए ये दोहरी त्रासदी है। पहले बेटी की निर्मम हत्या और फिर पिता का दुखद निधन। अब पूरा देश ये देख रहा है कि क्या श्रद्धा को इंसाफ मिलेगा और क्या आरोपी को उसकी क्रूरता की सजा दी जाएगी?

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