महाराष्ट्र

महाराष्ट्र की राजनीति में एकनाथ शिंदे को मिली बड़ी जिम्मेदारी

एकनाथ शिंदे
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महाराष्ट्र कैबिनेट ने मंगलवार को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के पुनर्गठन का अहम फैसला लिया। इस नए बदलाव के तहत मुख्यमंत्री के साथ-साथ दोनों डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार को पदेन सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इस फैसले के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है, क्योंकि इससे पहले शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे को इस प्राधिकरण में जगह नहीं दी गई थी। इसे लेकर महायुति गठबंधन में मतभेद की अटकलें लगाई जा रही थीं।

नए ढांचे के तहत SDMA में कुल 10 सदस्य होंगे, जिनमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम अजित पवार और SDMA के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शामिल होंगे। इसके अलावा, आपदा प्रबंधन क्षेत्र के तीन गैर-सरकारी विशेषज्ञों को भी इसमें स्थान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री को ये अधिकार दिया गया है कि वे मंत्रियों के साथ तीन गैर-सरकारी विशेषज्ञों को नामित कर सकते हैं। इससे पहले राज्य की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक इस प्राधिकरण की CEO थीं और देवेंद्र फडणवीस इसके अध्यक्ष थे।

पुनर्गठन से पहले की व्यवस्था में SDMA के पदेन सदस्य वे मंत्री होते थे, जिनके पास वित्त, राहत एवं पुनर्वास या जन स्वास्थ्य विभाग होता था। लेकिन एकनाथ शिंदे के पास इन विभागों में से कोई भी मंत्रालय नहीं था, जिस वजह से उन्हें पहले SDMA में जगह नहीं मिल पाई थी। कैबिनेट की बैठक से पहले जब एकनाथ शिंदे से इस बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस कमेटी की कोई चिंता नहीं है, लेकिन जब भी आपदा जैसी कोई स्थिति होगी, वे हमेशा जनता की मदद के लिए तैयार रहेंगे।

पिछले गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार ने 9 सदस्यीय SDMA के गठन की घोषणा की थी, जिसमें बीजेपी के चंद्रशेखर बावनकुले और गिरीश महाजन, एनसीपी के मकरंद जाधव-पाटिल, शिवसेना के प्रकाश आबितकर और आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर रवि सिन्हा और दीपांकर चौधरी को शामिल किया गया था। हालांकि, मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक के बाद बीजेपी नेता गिरीश महाजन ने घोषणा की कि अब SDMA में कुल 10 सदस्य होंगे, जिनमें एकनाथ शिंदे और अजित पवार को भी शामिल कर लिया गया है।

इस नए फैसले से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है। एकनाथ शिंदे को पहले SDMA में जगह नहीं मिलने से महायुति में मतभेद की अटकलें शुरू हो गई थीं। हालांकि, अब उन्हें और अजित पवार को प्राधिकरण में शामिल कर लिया गया है, जिससे यह मामला कुछ हद तक शांत हो सकता है। लेकिन सवाल यही है कि क्या यह बदलाव महायुति गठबंधन की एकता को बनाए रखेगा या फिर राजनीतिक तनाव को और बढ़ाएगा?

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) को पुनर्गठित कर एक बड़ा प्रशासनिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री और दोनों डिप्टी सीएम को इसमें शामिल करने से इसकी निर्णय प्रक्रिया मजबूत होगी, लेकिन राजनीतिक स्तर पर यह फैसला क्या असर डालेगा, यह देखने वाली बात होगी। आगे क्या होता है? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा!

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