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प्रेमानंद महाराज के नाम पर ठगी: भक्तों के लिए एडवाइजरी जारी

प्रेमानंद महाराज
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धर्म और आस्था के नाम पर ठगी कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब किसी प्रसिद्ध संत या आध्यात्मिक गुरु का नाम इसमें घसीटा जाता है, तो ये चिंता का विषय बन जाता है। हाल ही में वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) के नाम पर ठगी के कई मामले सामने आए हैं। इसको लेकर श्री हित राधा केली कुंज आश्रम (Shri Hit Radha Keli Kunj Ashram) की ओर से एक आधिकारिक एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें भक्तों को सावधान रहने के लिए कहा गया है।

गौरतलब है कि मथुरा और वृंदावन में प्रेमानंद महाराज की ख्याति दिनों-दिन बढ़ रही है। उनके प्रवचनों में हजारों की संख्या में भक्त आते हैं, और सोशल मीडिया पर उनके करोड़ों फॉलोअर्स हैं। उनकी बढ़ती लोकप्रियता के चलते कुछ लोग उनके नाम का गलत इस्तेमाल करके भोले-भाले भक्तों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। इस धोखाधड़ी के बारे में खुद महाराज को जब जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए अपने आश्रम से आधिकारिक बयान जारी करवाया।

कैसे हो रही है ठगी?
वृंदावन में प्रेमानंद महाराज के आश्रम के आसपास कई दुकानें खुल चुकी हैं, जो उनके नाम पर कंठी-माला, तस्वीरें, किताबें, पूजा सामग्री और अन्य वस्तुएं बेच रही हैं। भक्त अक्सर ये मानकर इन दुकानों से सामान खरीदते हैं कि ये सब आश्रम द्वारा प्रमाणित है, जबकि सच ये है कि आश्रम का इन दुकानों से कोई संबंध नहीं है।

कुछ लोग प्रेमानंद महाराज के नाम पर प्लॉट, फ्लैट, भवन निर्माण और अन्य संपत्तियों की बिक्री का भी दावा कर रहे हैं। भक्तों को ये विश्वास दिलाया जा रहा है कि ये सब आश्रम द्वारा समर्थित है। इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए ही प्रेमानंद महाराज ने एडवाइजरी जारी की है।

प्रेमानंद महाराज की आधिकारिक एडवाइजरी में क्या कहा गया है?
प्रेमानंद महाराज द्वारा जारी एडवाइजरी में यह स्पष्ट किया गया है कि-
श्री हित राधा केली कुंज आश्रम की कोई शाखा नहीं है।
आश्रम किसी भी प्रकार की भूमि, फ्लैट, प्लॉट या भवन निर्माण का विक्रय नहीं करता।
आश्रम के नाम पर कोई होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, यात्री विश्राम स्थल, चिकित्सालय, गुरुकुल या विद्यालय नहीं है।
आश्रम द्वारा कोई गौशाला संचालित नहीं की जाती।
कंठी-माला, छवि, पूजा-श्रृंगार सामग्री जैसी कोई भी वस्तु आश्रम द्वारा बेची नहीं जाती, न ही ऑनलाइन, न ऑफलाइन।
आश्रम किसी प्रकार के विज्ञापन जारी नहीं करता।
आश्रम में सत्संग, कीर्तन और प्रवचनों में शामिल होना निःशुल्क है। इसके लिए एक दिन पहले नाम दर्ज करवाना अनिवार्य है।

ठगी का शिकार कैसे न हों?
भक्तों को इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहने की जरूरत है। अगर कोई व्यक्ति प्रेमानंद महाराज के नाम पर धन मांगता है या किसी तरह का आर्थिक लेन-देन करने के लिए कहता है, तो इसकी पुष्टि करने के लिए भक्तों को सीधे आश्रम प्रशासन से संपर्क करना चाहिए।

आश्रम प्रशासन भक्तों से अपील कर रहा है कि वे किसी भी तरह के धोखेबाजों और फर्जी दुकानों से सावधान रहें। अगर कोई व्यक्ति प्रेमानंद महाराज या आश्रम के नाम पर ठगी करता हुआ पाया जाता है, तो इसकी सूचना तुरंत स्थानीय प्रशासन या आश्रम प्रबंधन को दें।

प्रेमानंद महाराज की बढ़ती लोकप्रियता और इसका असर
पिछले कुछ वर्षों में प्रेमानंद महाराज की ख्याति तेजी से बढ़ी है। देश-विदेश से लोग उनके प्रवचनों में भाग लेने वृंदावन आते हैं। बड़े-बड़े उद्योगपति, फिल्मी हस्तियां और राजनीतिक नेता भी उनके आश्रम में दर्शन करने आते हैं। उनकी बढ़ती लोकप्रियता के कारण ही उनके नाम का दुरुपयोग करने की घटनाएँ बढ़ रही हैं।

हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब किसी आध्यात्मिक गुरु के नाम पर इस तरह की ठगी हो रही हो। पहले भी कई संतों और बाबाओं के नाम पर फर्जी संस्थाएं बनाकर लोगों से पैसा ऐंठने की घटनाएं सामने आई हैं। लेकिन प्रेमानंद महाराज ने इस मामले में तुरंत सख्त कदम उठाते हुए एडवाइजरी जारी की, जिससे उनके भक्त समय रहते सतर्क हो जाएं।

क्या इस पर कानूनी कार्रवाई होगी?
प्रेमानंद महाराज के ट्रस्ट द्वारा जारी एडवाइजरी के बाद यह भी संभावना है कि प्रशासन इस तरह के धोखेबाजों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे। अगर आश्रम के नाम का दुरुपयोग करने वाले लोग पकड़े जाते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही हो सकती है।

अगर आप प्रेमानंद महाराज के भक्त हैं और उनके प्रवचनों या सत्संग में भाग लेना चाहते हैं, तो यह जरूरी है कि आप सिर्फ आश्रम की आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें। आस्था की दुनिया में ठग अक्सर भोले-भाले लोगों को शिकार बनाते हैं। ऐसे में भक्तों को चाहिए कि वे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचें, गलत दुकानों से सामान न खरीदें और किसी भी अनजान व्यक्ति को धन न दें।

प्रेमानंद महाराज ने खुद इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और अपने भक्तों को साफ संदेश दिया है—”धोखाधड़ी से बचें, केवल सत्य को अपनाएं।”

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