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Kerala Ragging Case: केरल में खौफनाक रैगिंग, पानी में थूककर पिलाया, एक घंटे तक मारते भी रहे; 7 सीनियर्स सस्पेंड

Kerala Ragging Case: केरल में खौफनाक रैगिंग, पानी में थूककर पिलाया, एक घंटे तक मारते भी रहे; 7 सीनियर्स सस्पेंड
Kottayam: Kottayam police personnel escort students who were arrested for allegedly ragging first-year students at the Government Nursing College, in Kottayam, Kerala, Wednesday, Feb. 12, 2025. A case was registered after three first-year students lodged a complaint, alleging that the ragging had been ongoing for nearly three months at the nursing institute, which functions under the Government Medical College. (PTI Photo) (PTI02_13_2025_000463B)

Kerala Ragging Case: रैगिंग (Ragging) जैसे शब्द से जुड़ी घटनाएं अक्सर दिल दहला देती हैं, लेकिन जब बात कॉलेज के अंदर की हो, तो ये और भी चौंकाने वाली होती है। केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित करियावट्टोम गवर्नमेंट कॉलेज में हाल ही में सामने आई एक घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। सीनियर छात्रों द्वारा एक फर्स्ट ईयर स्टूडेंट के साथ जो व्यवहार किया गया, उसने न केवल छात्र सुरक्षा पर सवाल खड़े किए, बल्कि कॉलेज प्रशासन की जिम्मेदारी पर भी उंगलियां उठाई हैं।

Kerala Ragging Case: क्या हुआ था करियावट्टोम गवर्नमेंट कॉलेज में?

11 फरवरी को कॉलेज के होस्टल में शुरू हुई मामूली कहासुनी ने देखते ही देखते हिंसा का रूप ले लिया। सात सीनियर छात्रों ने एक फर्स्ट ईयर छात्र को हॉस्टल से खींचकर स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के एक्टिविटी रूम में ले जाया। पीड़ित के मुताबिक, वहां उसे घुटनों के बल बैठाया गया और करीब एक घंटे तक पीटा गया। स्थिति तब और भयावह हो गई जब पीड़ित ने प्यास लगने पर पानी मांगा, और सीनियर्स ने उसे थूका हुआ पानी पीने के लिए मजबूर किया। जब उसने इंकार किया, तो मारपीट और तेज हो गई।

कॉलेज और पुलिस का त्वरित एक्शन

घटना की गंभीरता को देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने तुरंत एंटी रैगिंग सेल को जांच सौंपी। सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, गवाहों के बयान दर्ज किए गए, और जब रैगिंग (Ragging) के पक्के सबूत मिले, तो सभी सात सीनियर छात्रों को सस्पेंड कर दिया गया। वहीं, पुलिस ने भी मामले की गंभीरता को समझते हुए भारतीय दंड संहिता और रैगिंग रोकथाम अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की है।

क्यों बढ़ती हैं रैगिंग की घटनाएं?

रैगिंग केस इन केरल (Ragging Case in Kerala) की यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि कॉलेजों में सीनियर-जूनियर के बीच की खाई कभी-कभी खतरनाक हद तक बढ़ जाती है। कई बार यह ‘मजाक’ के नाम पर शुरू होती है, लेकिन जल्द ही मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना में बदल जाती है। छात्रों में जागरूकता की कमी और प्रशासनिक ढिलाई अक्सर ऐसी घटनाओं की वजह बनती है।

समाधान क्या हो सकता है?

इस तरह की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए कॉलेजों को न केवल सख्त नियम बनाने चाहिए, बल्कि उन्हें सही मायनों में लागू भी करना होगा। छात्रों को यह समझाने की जरूरत है कि रैगिंग कोई परंपरा नहीं, बल्कि एक अपराध है। साथ ही, पीड़ितों को बिना डरे आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

क्या हमें सतर्क रहना चाहिए?

केरल की इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमारा शैक्षणिक वातावरण छात्रों के लिए सुरक्षित है? हर छात्र को यह हक है कि वह बिना किसी डर के पढ़ाई कर सके। यह जिम्मेदारी न केवल कॉलेज प्रशासन की है, बल्कि समाज, अभिभावकों और खुद छात्रों की भी है कि वे रैगिंग जैसी कुप्रथा के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों।


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