Trump’s Tariff War: अमेरिका और चीन के बीच वैश्विक प्रभुत्व की होड़ कोई नई बात नहीं है, लेकिन अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की वापसी के साथ ही सीन पूरी तरह बदल चुका है। अमेरिका फर्स्ट (America First) की नीति पर चलते हुए ट्रंप ने टैरिफ बढ़ाने का ऐसा फैसला लिया है, जिसने चीन, मैक्सिको, कनाडा और भारत जैसे देशों को झटका दिया है। इस फैसले से भारत को भी नुकसान होगा, लेकिन सबसे ज्यादा असर अमेरिका पर ही पड़ने वाला है।
अमेरिका बनाम चीन: टैरिफ वॉर का नया दौर
ट्रंप प्रशासन चीन को कमजोर करने के लिए लगातार कड़े कदम उठा रहा है। हाल ही में अमेरिका ने AI सेमीकंडक्टर चिप्स (AI Semiconductor Chips) पर सख्त पाबंदियां लगाई हैं ताकि चीन इस तकनीक में आगे न बढ़ सके। इसके साथ ही 10% टैरिफ बढ़ाकर चीन की अर्थव्यवस्था को झटका देने की कोशिश की जा रही है।
‘जैसे को तैसा’ नीति से अमेरिका को ही नुकसान
डोनाल्ड ट्रंप की नई रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) नीति के तहत अमेरिका अब उन्हीं देशों पर उतना ही टैरिफ लगाएगा, जितना वे अमेरिका पर लगाते हैं। उदाहरण के लिए, अगर भारत अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 10% टैक्स लगाता है, तो अमेरिका भी भारतीय उत्पादों पर 10% टैक्स लगाएगा।
लेकिन इस नीति से अमेरिकी उपभोक्ताओं को सबसे ज्यादा झटका लगेगा। ग्लोबल बैंक स्टैंडर्ड चार्टर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने से अमेरिका में मुद्रास्फीति (Inflation) तेजी से बढ़ेगी, जिससे आम अमेरिकी नागरिकों पर महंगाई का सीधा असर पड़ेगा।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला असर
स्टैंडर्ड चार्टर्ड और गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट्स बताती हैं कि ट्रंप के टैरिफ वार का नकारात्मक असर खुद अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
- अमेरिकी उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि होगी।
- GDP ग्रोथ रेट 1.2% तक गिर सकती है।
- व्यक्तिगत उपभोग मुद्रास्फीति 0.7% तक बढ़ सकती है।
- अमेरिकी कंपनियां टैरिफ का बोझ ग्राहकों पर डालेंगी, जिससे लोगों की खर्च करने की क्षमता घटेगी।
Trump’s Tariff War: भारत पर कितना असर?
SBI की रिपोर्ट के अनुसार, अगर अमेरिका 15-20% तक टैरिफ बढ़ाता है, तो इसका भारत के निर्यात पर केवल 3-3.5% तक प्रभाव पड़ेगा। भारत इस नुकसान को कम करने के लिए नए व्यापार मार्गों, निर्यात विविधीकरण और वैल्यू एडिशन पर ध्यान केंद्रित कर सकता है।
गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट कहती है कि अमेरिका-भारत के बीच रेसिप्रोकल टैरिफ का असर भारत की GDP पर केवल 0.1% से 0.3% तक होगा, जो ज्यादा बड़ा झटका नहीं है।
ट्रंप के फैसले का असली नुकसान किसे?
डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ वार चीन और भारत को आर्थिक चोट देने के लिए किया गया है, लेकिन इसका सबसे बड़ा असर अमेरिकी अर्थव्यवस्था और आम नागरिकों पर पड़ने वाला है। भारत को इससे नुकसान जरूर होगा, लेकिन यह उतना गंभीर नहीं होगा जितना अमेरिका और चीन को झेलना पड़ेगा।
आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस टैरिफ संकट का सामना कैसे करता है और क्या ट्रंप अपने ही फैसलों से खुद को फंसा लेंगे।
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