शादी एक पवित्र बंधन होता है, जो प्यार, विश्वास, आपसी समझ और सामंजस्य पर टिका होता है। जब दो लोग जीवनभर साथ निभाने का वादा करते हैं, तो उनकी ये उम्मीद होती है कि वे हमेशा खुशहाल जीवन व्यतीत करेंगे। लेकिन समय के साथ कई बार रिश्तों में खटास आ जाती है, और कुछ मामलों में ये तलाक तक पहुंच जाती है। हाल ही में बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा और उनकी पत्नी सुनीता के रिश्ते को लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं कि उनके बीच अनबन चल रही है। हालांकि, इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन ये सवाल जरूर उठता है कि शादी के कई सालों बाद रिश्तों में दूरियां क्यों बढ़ने लगती हैं? आइए जानते हैं, उन मुख्य कारणों के बारे में जो शादीशुदा जीवन में तनाव का कारण बन सकते हैं।
व्यक्तिगत स्पेस की कमी
शादी के शुरुआती दिनों में दोनों पार्टनर एक-दूसरे को पूरा समय देते हैं, लेकिन समय बीतने के साथ कई बार ऐसा महसूस होने लगता है कि दूसरा पार्टनर बहुत अधिक दखल दे रहा है। हर बात में टोकना, हर समय साथ रहने की जिद करना और जरूरत से ज्यादा कंट्रोलिंग बिहेवियर रिश्ते को कमजोर बना सकता है। रिश्ते में एक-दूसरे को पर्याप्त स्पेस देना जरूरी है ताकि दोनों पार्टनर खुद को सहज महसूस करें।
लगातार झगड़े और बहस
अगर हर छोटी-बड़ी बात पर झगड़े होने लगे, तो ये रिश्ते के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है। विचारों में मतभेद होना सामान्य है, लेकिन जब ये बहस तकरार का रूप ले ले और अहंकार बीच में आ जाए, तो रिश्ता कमजोर पड़ने लगता है। जब कोई भी झुकने को तैयार नहीं होता, तो धीरे-धीरे दूरी बढ़ने लगती है। इसलिए आपसी समझदारी और सामंजस्य बनाए रखना बेहद जरूरी है।
पार्टनर को समय न देना
शादी के शुरुआती सालों में कपल्स एक-दूसरे को समय देते हैं, लेकिन धीरे-धीरे काम, परिवार की जिम्मेदारियां और सोशल लाइफ बढ़ने लगती हैं। अगर कोई भी पार्टनर अपने साथी को पर्याप्त समय नहीं देता, तो इससे भावनात्मक दूरी बढ़ सकती है। रोमांस और बातचीत की कमी रिश्ते में ठंडक ला सकती है। इसलिए शादी के बाद भी पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिताना बेहद जरूरी है।
एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर
कई बार शादीशुदा जिंदगी में प्यार और समझ की कमी होने पर लोग बाहर अपने सुख की तलाश करने लगते हैं। अगर किसी एक पार्टनर का इमोशनल या फिजिकल अफेयर हो जाए, तो ये रिश्ते के टूटने का सबसे बड़ा कारण बन सकता है। शादी में विश्वास और वफादारी बनाए रखना बेहद आवश्यक है, क्योंकि भरोसा टूटने के बाद रिश्ता संभालना मुश्किल हो जाता है।
क्या तलाक ही समाधान है?
अगर शादीशुदा जिंदगी में समस्याएं आ रही हैं, तो तलाक पहला विकल्प नहीं होना चाहिए। सबसे पहले आपसी बातचीत से समस्या को सुलझाने की कोशिश करें। जरूरत पड़े, तो किसी काउंसलर या परिवार के किसी बुजुर्ग की मदद लें। एक-दूसरे की भावनाओं को समझें और समाधान निकालें। अगर सभी कोशिशों के बावजूद रिश्ता नहीं संभलता है और दोनों की मानसिक शांति और खुशी अलग होने में है, तो तलाक ही आखिरी विकल्प हो सकता है।
शादीशुदा जीवन को खुशहाल बनाए रखने के लिए आपसी समझ, प्रेम, स्पेस, समय और विश्वास बेहद जरूरी है। अगर इन पहलुओं पर ध्यान दिया जाए, तो रिश्ते में आई दरार को दूर किया जा सकता है और एक मजबूत व खुशहाल दांपत्य जीवन जिया जा सकता है।
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