Pune Rape Case: महाराष्ट्र के पुणे में हुए रेप केस को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के साथ एक नहीं बल्कि दो बार दुष्कर्म किया गया है। ये रिपोर्ट पुणे के ससून अस्पताल द्वारा पुलिस को सौंपी गई है, जिससे जांच में नया मोड़ आ गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने स्वार्गेट आगार की नियंत्रक मोहिनी ढेरे से पूछताछ शुरू कर दी है। वहीं, परिवहन मंडल के मंत्री प्रताप सरनाईक के आदेश पर 23 सुरक्षा गार्डों को सस्पेंड कर दिया गया है।
कैसे हुआ अपराध?
ये घटना मंगलवार की अल सुबह हुई, जब पीड़िता अपने गांव जाने के लिए बस स्टैंड पहुंची थी। आरोपी उसे झांसा देकर आगार के अंदर खड़ी बस में ले गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया। घटना के बाद पीड़िता अपने गांव के लिए रवाना हो गई, लेकिन रास्ते में उसने फोन पर बात करते हुए अपनी सहेली को आपबीती सुनाई। सहेली के समझाने पर उसने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज किया।
चार बसों में मिले आपत्तिजनक सामान
इस सनसनीखेज घटना के बाद शिवसेना (यूबीटी) ने बस स्टैंड पर विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी के नेता वसंत मोरे ने खुद मौके पर जाकर निरीक्षण किया और दावा किया कि चार बसों में आपत्तिजनक सामान मिला है। इनमें कंडोम, कंबल और चादरें शामिल थीं। ये देखकर अंदेशा जताया जा रहा है कि इस तरह की घटनाएं पहले भी होती रही हैं और सुरक्षा गार्डों की मिलीभगत से ये अपराध लंबे समय से जारी था।
सरकार और पुलिस की बड़ी कार्रवाई
शिवसेना (यूबीटी) के विरोध के बाद सरकार और पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 23 सुरक्षा गार्डों को निलंबित कर दिया है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, इन सभी गार्डों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
इस घटना ने पूरे राज्य में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। लोगों की मांग है कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए और सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया जाए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पुलिस इस केस की गहराई से जांच कर रही है और उम्मीद की जा रही है कि पीड़िता को जल्द ही न्याय मिलेगा।
ये भी पढ़ें: तेलंगाना सुरंग हादसा: बचाव अभियान में पांचवें दिन भी नहीं मिली सफलता