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Ladki Bahin Yojana: जानें महाराष्ट्र की महिलाओं को कब से मिलेंगे 2,100 रुपये? मंत्री अदिति तटकरे ने दिया जवाब

Ladki Bahin Yojana
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Ladki Bahin Yojana: महाराष्ट्र में महायुति सरकार की लाडकी बहिन योजना (Ladki Bahin Yojana) को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। सरकार ने चुनावी वादे में इस योजना की राशि 2,100 रुपये प्रति माह करने की घोषणा की थी, लेकिन इसे लागू करने की समय-सीमा अभी तय नहीं की गई है। इसी मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरा है। इस पर महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने कहा कि वादा जरूर पूरा होगा, लेकिन इसे लागू करने की प्रक्रिया पांच वर्षों में होगी।

क्या पात्र लाभार्थियों को किया जा रहा है अयोग्य?
मंत्री तटकरे ने विपक्ष के इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि पात्र महिलाओं को योजना से बाहर करने के लिए नए मापदंड तैयार किए जा रहे हैं। वर्तमान में इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कभी नहीं कहा कि 2,100 रुपये की राशि इस साल के बजट (10 मार्च) या मौजूदा बजट सत्र (26 मार्च तक) में लागू होगी।

विपक्ष का हमला: ‘लाडकी बहिन अब सौतेली बहिन बन गई क्या?’
कांग्रेस नेता सतेज पाटिल ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि चुनाव से पहले जिन महिलाओं को ‘लाडकी बहिन’ कहा गया, अब क्या वे ‘सौतेली बहिन’ बन गई हैं? उन्होंने सरकार से तुरंत 2,100 रुपये प्रति माह देने की तारीख घोषित करने की मांग की। वहीं, एनसीपी (एसपी) नेता शशिकांत शिंदे ने कहा कि यदि योजना के तहत गलत लाभार्थियों को पैसा दिया गया, तो यह सरकार द्वारा खुद के कोष पर डकैती करने जैसा होगा।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मिलेंगी दो किस्तें
मंत्री अदिति तटकरे ने घोषणा की कि 8 मार्च (अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस) को फरवरी और मार्च की दो किस्तें लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दी जाएंगी। उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि, अगस्त में 1.59 करोड़ महिलाओं को योजना का लाभ मिला। सितंबर में 2.20 करोड़, अक्टूबर में 2.33 करोड़ और दिसंबर में 2.45 करोड़ महिलाओं को भुगतान किया गया। अब 8 मार्च को 2.52 करोड़ महिलाओं को DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भुगतान होगा।

कौन सी महिलाएं नहीं होंगी योग्य?
मंत्री तटकरे ने बताया कि योजना के नियमों के अनुसार 21 से 65 साल की महिलाएं पात्र हैं। 65 साल की आयु पार करते ही वे इस योजना से बाहर हो जाएंगी। साथ ही, आवेदन पत्र में आत्म-घोषणा (Self-Declaration) का प्रावधान है, जिसमें लाभार्थी को ये पुष्टि करनी होती है कि वो किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ नहीं ले रही है। ये नियम योजना की शुरुआत से ही लागू था।

सरकार और विपक्ष के बीच तकरार जारी
सरकार का कहना है कि इस योजना को पूरा किया जाएगा, लेकिन विपक्ष इसे तत्काल लागू करने की मांग पर अड़ा हुआ है। मंत्री तटकरे ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष महायुति सरकार की इस लोकप्रिय योजना से डर गया है, इसलिए उसने सत्ता में आने पर 3,000 रुपये प्रति माह देने का वादा किया है।

विपक्ष और सरकार के बीच इस मुद्दे पर लगातार तकरार जारी है। अब देखना यह होगा कि सरकार अपने वादे को कब तक पूरा कर पाती है और क्या विपक्ष अपनी मांगों पर और आक्रामक रुख अपनाएगा।

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