Maharashtra Budget 2025: महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजित पवार ने 11 मार्च 2025 को राज्य का बजट पेश किया। इस बजट में कोई बड़ी नई योजना की घोषणा नहीं की गई, न ही चुनावी वादों को पूरा करने की बात कही गई। पिछले साल महायुति सरकार द्वारा चुनावी साल में घोषित योजनाओं और उनके मध्य-वर्ष में लागू होने से राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य पर असर पड़ा है। इसके चलते 2024-25 के बजट अनुमानों की तुलना में राजस्व व्यय में 87,341.15 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।
बजट का मुख्य आकर्षण
महाराष्ट्र का कुल बजट 7 लाख करोड़ रुपये का है, जो इसे उत्तर प्रदेश के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा बजट बनाता है। हालांकि, इस बजट में पूंजीगत व्यय में केवल 385.89 करोड़ रुपये की मामूली वृद्धि की गई है। राज्य का कुल ऋण भार 2024-25 के संशोधित अनुमान के अनुसार 8,39,275 करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के 7,18,507 करोड़ रुपये से अधिक है। 2025-26 के बजट अनुमान में इसे 9,32,242 करोड़ रुपये तक ले जाया गया है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 18.87% है। यह पिछले पांच साल में सबसे अधिक है।
चुनावी वादों पर खामोशी
बजट में लाडकी बहन योजना के लिए 36,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, लेकिन इसमें भत्ते को 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये करने का कोई जिक्र नहीं है। पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले महायुति गठबंधन ने यह वादा किया था। इसी तरह, किसानों के लोन माफी का वादा भी बजट में पूरा नहीं हुआ। हालांकि, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दो हफ्ते पहले पीएम किसान सम्मान निधि में राज्य के हिस्से को 3,000 रुपये बढ़ाने की घोषणा की थी।
राजस्व बढ़ाने के प्रयास
राज्य सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए कुछ नए प्रस्ताव रखे हैं। इसमें 30 लाख रुपये से अधिक कीमत वाली इलेक्ट्रिक वाहनों पर 6% की दर से मोटर वाहन कर लगाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, क्रेन, कंप्रेसर, प्रोजेक्टर और एक्सकेवेटर जैसे निर्माण वाहनों पर 7% की दर से मोटर वाहन कर लगाने का प्रस्ताव है। सरकार को उम्मीद है कि इन करों से लगभग 1,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।
बजट का उद्देश्य
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह बजट कृषि, उद्योग, बुनियादी ढांचे, रोजगार और सामाजिक कल्याण पर आधारित है। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र का बजट आकार 7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो इसे उत्तर प्रदेश के बाद देश का सबसे बड़ा बजट बनाता है। इसके परिणामस्वरूप, राज्य की ऋण लेने की क्षमता भी बढ़ गई है। बजट ने राजकोषीय घाटे को 2.7% पर रखने में कामयाबी हासिल की है; यह 2.9% तक जा सकता था।”
Maharashtra Budget 2025:
महाराष्ट्र का यह बजट वित्तीय संतुलन बनाने की कोशिश करता है। पिछले साल के चुनावी वादों को पूरा करने में सरकार की ओर से कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया है, लेकिन राजस्व बढ़ाने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान दिया गया है। अब यह देखना होगा कि यह बजट राज्य के विकास और जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है।
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