महाराष्ट्र की राजनीति में समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ की थी, जिससे राज्य में विवाद खड़ा हो गया। इस बयान के कारण उन्हें विधानसभा से सस्पेंड भी कर दिया गया। विवाद बढ़ने के बाद अब अबू आजमी ने छत्रपति संभाजी महाराज की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी, जिससे यs मामला और गरमा गया है।
अबू आजमी ने संभाजी महाराज को दी श्रद्धांजलि
अबू आजमी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर मराठी में लिखा, “स्वराज्य के दूसरे छत्रपति, पराक्रमी योद्धा, धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज को उनके बलिदान दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि।” उनके इस ट्वीट को लेकर भी राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।
औरंगजेब की तारीफ से विवाद क्यों बढ़ा?
गौरतलब है कि अबू आजमी ने पहले अपने एक बयान में औरंगजेब को अच्छा बादशाह बताया था। इस बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया। बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने इस बयान की कड़ी आलोचना की और उन पर संभाजी महाराज का अपमान करने का आरोप लगाया।
अबू आजमी का विवादित बयान क्या था?
औरंगजेब की तारीफ करते हुए अबू आजमी ने कहा था, “मैं औरंगजेब को क्रूर शासक नहीं मानता। उस दौर में सत्ता संघर्ष राजनीतिक थे, धार्मिक नहीं। औरंगजेब की सेना में कई हिंदू थे, जैसे छत्रपति शिवाजी की सेना में कई मुस्लिम थे। औरंगजेब एक क्रूर शासक नहीं था और उसने कई मंदिरों का निर्माण कराया था। जो लोग ये दावा करते हैं कि छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच हिंदू और मुसलमान की लड़ाई थी, वो लोग झूठ बोल रहे हैं।”
उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में काफी हलचल मचा दी और कई दलों ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
विवाद के बाद अबू आजमी ने मांगी माफी
बढ़ते विवाद के बीच अबू आजमी को अपने बयान पर सफाई देनी पड़ी। उन्होंने कहा, “मैं छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के खिलाफ बोलने के बारे में सोच भी नहीं सकता। मैं इतना बड़ा नहीं हूं, मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। औरंगजेब रहमतुल्लाह अलेह के बारे में मैंने वही कहा है जो इतिहासकारों और लेखकों ने कहा है।”
राजनीति में बयानबाजी का खेल
ये पहली बार नहीं है जब किसी नेता के बयान ने महाराष्ट्र में विवाद को जन्म दिया हो। छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज का नाम महाराष्ट्र में बेहद सम्मान के साथ लिया जाता है, ऐसे में औरंगजेब की तारीफ करना किसी भी नेता के लिए घातक साबित हो सकता है।
खैर अब ये देखना दिलचस्प होगा कि अबू आजमी के संभाजी महाराज को श्रद्धांजलि देने से विवाद शांत होता है या ये मामला और तूल पकड़ता है।
ये भी पढ़ें: Maharashtra Budget 2025: कोई बड़ी योजना नहीं, सरकार ने संतुलन बनाने की कोशिश की