भारतीय क्रिकेट के पूर्व ऑलराउंडर सैयद आबिद अली का बुधवार को अमेरिका में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 83 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। आबिद अली, हैदराबाद के उन दिग्गज क्रिकेटरों में से एक थे, जिनमें एम.एल. जयसिम्हा, एम.ए.के. पटौदी और अब्बास अली बेग जैसे नाम शामिल हैं। उनके निधन की खबर नॉर्थ अमेरिका क्रिकेट लीग (NACL) ने साझा की।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर
सैयद आबिद अली ने भारत के लिए 34 टेस्ट और 5 वनडे मैच खेले थे। वो अपने दौर के बहुमुखी प्रतिभा वाले खिलाड़ी थे। उन्होंने 1967 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में डेब्यू किया और पहली पारी में ही 55 रन देकर 6 विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 1967 से 1974 के बीच कुल 29 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 1018 रन बनाए और 47 विकेट लिए। उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में दक्षता ने उन्हें भारतीय टीम का अहम हिस्सा बना दिया।
विकेटों के बीच तेज दौड़ और शानदार फील्डिंग
आबिद अली अपनी तेज रनिंग और बेहतरीन फील्डिंग के लिए भी मशहूर थे। उन्होंने कई मैचों में भारत के लिए बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों की शुरुआत की। उन्होंने 1968 में न्यूजीलैंड, 1969 में घरेलू सीरीज और 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ ये कारनामा किया।
1974 वनडे डेब्यू और वर्ल्ड कप 1975
सैयद आबिद अली भारतीय टीम का हिस्सा थे, जिसने 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले में पहला वनडे मैच खेला था। ये 55 ओवरों का मुकाबला था, जिसमें भारत को हार का सामना करना पड़ा था। 1975 वर्ल्ड कप में भी वो भारतीय टीम का हिस्सा थे और कुल तीन मैच खेले थे।
घरेलू क्रिकेट में शानदार रिकॉर्ड
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की तुलना में आबिद अली का घरेलू क्रिकेट करियर और भी शानदार रहा। उन्होंने 212 फर्स्ट क्लास मैच खेले, जिसमें 8,732 रन बनाए और 397 विकेट भी लिए। उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 173 रन था, जबकि गेंदबाजी में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 23 रन देकर 6 विकेट रहा।
क्रिकेट के प्रति समर्पण और योगदान
क्रिकेट से संन्यास के बाद, आबिद अली अमेरिका में बस गए और वहां क्रिकेट के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। नॉर्थ अमेरिका क्रिकेट लीग और उत्तरी कैलिफोर्निया क्रिकेट संघ ने उनके प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने खाड़ी क्षेत्र में क्रिकेट को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई।
सैयद आबिद अली ने न केवल भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, बल्कि क्रिकेट कोचिंग और प्रशिक्षण के जरिए भी कई खिलाड़ियों को प्रेरित किया। उनका जीवन क्रिकेट प्रेमियों के लिए हमेशा एक प्रेरणा रहेगा। आइए, हम उन्हें अपनी प्रार्थनाओं में याद करें और उनके योगदान को सलाम करें।
ओम शांति!
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