तमिलनाडु की DMK सरकार, जो पहले ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति, परिसीमन और त्रिभाषा फॉर्मूला जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार से टकरा रही है, अब एक और विवाद में घिर सकती है। इस बार मामला तमिलनाडु बजट के Logo में रुपये के सिंबल को बदलने का है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल तमिलनाडु सरकार 14 मार्च को राज्य का बजट पेश करने जा रही है। इसे लेकर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक वीडियो साझा किया है, जिसमें बजट के Logo में आधिकारिक रुपये के सिंबल (₹) की जगह तमिल भाषा में “ரூ” का प्रयोग किया गया है। स्टालिन ने इस वीडियो को साझा करते हुए लिखा है, “समाज के सभी वर्गों के लाभ के लिए तमिलनाडु का व्यापक विकास सुनिश्चित करना।” हालांकि, इस बदलाव को लेकर विवाद खड़ा हो सकता है, क्योंकि विपक्षी दल इसे हिंदी भाषा को लेकर DMK के पुराने विरोध के संदर्भ में देख सकते हैं।
சமூகத்தின் அனைத்துத் தரப்பினரும் பயன்பெறும் வகையில் தமிழ்நாட்டின் பரவலான வளர்ச்சியை உறுதி செய்திட…#DravidianModel #TNBudget2025 pic.twitter.com/83ZBFUdKZC
— M.K.Stalin (@mkstalin) March 13, 2025
स्टालिन का भाजपा पर आरोप
इससे पहले, मुख्यमंत्री स्टालिन ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर आरोप लगाया था कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) एक भगवा नीति है, जिसका उद्देश्य हिंदी को बढ़ावा देना है। उन्होंने ये भी दावा किया कि भाजपा संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन के जरिए अपने प्रभाव वाले उत्तरी राज्यों में सीटों की संख्या बढ़ाकर सत्ता बनाए रखने की कोशिश कर रही है।
अन्नाद्रमुक ने DMK पर किया हमला
अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता एम थंबीदुरई ने इस मुद्दे पर DMK को घेरते हुए कहा कि हिंदी की शुरुआत कांग्रेस ने की थी और त्रिभाषा फॉर्मूला भी कांग्रेस सरकार की ही नीति थी। उन्होंने DMK पर आरोप लगाया कि वो कांग्रेस के साथ गठबंधन में रहकर हिंदी विरोध का नाटक कर रही है।
वैसे एक बात तो है कि, तमिलनाडु सरकार का ये कदम राज्य की क्षेत्रीय पहचान को मजबूत करने की एक कोशिश हो सकता है, लेकिन इसके राजनीतिक प्रभाव भी स्पष्ट हैं। ऐसे में अब ये देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष और केंद्र सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
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