हाल ही में भारत के विभिन्न हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं और इसमें महाराष्ट्र का सोलापुर भी शामिल है। गुरुवार, 3 अप्रैल 2025 को सोलापुर में सुबह 11:22 बजे भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.6 थी और इसका केंद्र जमीन से 5 किलोमीटर नीचे था। गनीमत रही कि ये भूकंप हल्का था, जिससे किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं आई। लेकिन ये घटना एक बार फिर हमें प्रकृति की अनिश्चितता की याद दिलाती है।
EQ of M: 2.6, On: 03/04/2025 11:22:07 IST, Lat: 17.41 N, Long: 75.21 E, Depth: 5 Km, Location: Solapur, Maharashtra.
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गौरतलब है कि सोलापुर में आए इस भूकंप से पहले भी देश के कई हिस्सों में धरती हिलने की खबरें सामने आई हैं। हाल की कुछ प्रमुख भूकंपीय घटनाओं पर नजर डालें तो 1 अप्रैल 2025 को भारत के पूर्वी हिस्सों, कोलकाता और इंफाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए। वहीं 28 मार्च 2025 को नेपाल में आए भूकंप का असर भारत के बिहार, सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में देखा गया। इसके अलावा 2 अप्रैल 2025 को सिक्किम के नामची में भूकंप दर्ज किया गया और 1 अप्रैल को लेह लद्दाख में भी धरती हिली थी। 31 मार्च 2025 को अरुणाचल प्रदेश के तवांग और शि योमी, साथ ही सिक्किम के गंगटोक में भूकंप आया। खास बात ये है कि गंगटोक में 30 और 31 मार्च को लगातार दो दिन भूकंप के झटके महसूस हुए। हरियाणा के सोनीपत में भी 29 मार्च 2025 को दोपहर 2:08 बजे 2.3 तीव्रता का हल्का भूकंप आया, जिसका केंद्र 10 किलोमीटर नीचे था।
अरुणाचल प्रदेश में भी भूकंप की घटनाएं कम नहीं हुई हैं। बीते सोमवार, 1 अप्रैल 2025 को दोपहर 2:38 बजे यहां 3.5 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। हालांकि इस भूकंप से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन म्यांमार में हाल ही में आई भूकंपीय तबाही ने भारत में भी लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है।
भू-वैज्ञानिकों के अनुसार भारत का लगभग 59% हिस्सा भूकंप के लिए संवेदनशील है। देश को भूकंपीय जोन में चार भागों में बांटा गया है, जिन्हें जोन-2, जोन-3, जोन-4 और जोन-5 नाम दिया गया है। जोन-2 कम खतरे वाला क्षेत्र है, जबकि जोन-3 मध्यम खतरे वाला क्षेत्र माना जाता है। जोन-4 में दिल्ली जैसे शहर आते हैं, जो उच्च खतरे वाला क्षेत्र है। वहीं जोन-5 सबसे ज्यादा संवेदनशील क्षेत्र है, जहां बड़े भूकंप का खतरा रहता है। दिल्ली जोन-4 में होने के कारण यहां 7 रिक्टर स्केल से ऊपर के झटके आने की आशंका रहती है। अगर भूकंप की तीव्रता 7 या उससे अधिक होती है, तो भारी तबाही की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
हाल के दिनों में देश भर में भूकंप की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय हैं। हालांकि सोलापुर और अन्य जगहों पर आए हल्के झटकों से नुकसान नहीं हुआ, लेकिन ये हमें भूकंप से निपटने की तैयारी के लिए प्रेरित करता है। भूकंप के दौरान सुरक्षित स्थान पर जाना, भारी सामानों से दूर रहना और आपातकालीन किट तैयार रखना कुछ जरूरी कदम हैं।
सोलापुर में 3 अप्रैल 2025 को आए भूकंप ने एक बार फिर हमें सतर्क रहने की चेतावनी दी है। भारत में भूकंप के संवेदनशील क्षेत्रों को देखते हुए सरकार और नागरिकों को मिलकर इस प्राकृतिक आपदा से निपटने की रणनीति बनानी चाहिए। क्या आप भूकंप से बचाव के लिए तैयार हैं? अपनी राय कमेंट में जरूर साझा करें।
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