Minister Mobile Stolen in Public: महाराष्ट्र में इन दिनों एक खबर हर तरफ चर्चा में है। चोरों ने ऐसा कारनामा कर दिखाया कि लोग हैरान रह गए। बीड जिले के मस्साजोग गांव में महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री योगेश कदम का मोबाइल चोरी (मोबाइल चोरी / Mobile Theft) हो गया। यह घटना तब हुई जब वहां पुलिस और मीडिया की भारी मौजूदगी थी। यह सुनकर हर कोई सोच में पड़ गया कि जिसके हाथ में राज्य की कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी है, उसी के साथ ऐसी वारदात कैसे हो सकती है? आइए, इस घटना के पीछे की पूरी कहानी को समझते हैं।
यह सब शनिवार को शुरू हुआ, जब योगेश कदम मस्साजोग गांव पहुंचे। वह वहां दिवंगत सरपंच संतोष देशमुख के परिवार से मिलने गए थे। संतोष देशमुख की हत्या की वजह से यह गांव पहले से ही सुर्खियों में था। उस दिन गांव में ग्रामीणों की भीड़ थी। पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी पर तैनात थे और मीडिया के लोग भी कैमरे लेकर खबर कवर करने में लगे थे। इसी हलचल के बीच किसी चोर ने मौका देखा और मंत्री का मोबाइल उड़ा लिया। जब कदम को इसकी भनक लगी, तो मामला बीड जिले के केज पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया गया। लेकिन तब तक चोर भीड़ में गायब हो चुका था।
इस घटना ने सबको चौंका दिया। सोचिए, जहां पुलिस और कैमरे मौजूद हों, वहां भी चोर इतनी हिम्मत कैसे कर सकते हैं? विपक्ष ने इसे मौके की तरह लिया और सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि यह वारदात राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का सबूत है। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि जब गृह राज्यमंत्री का मोबाइल चोरी (मोबाइल चोरी / Mobile Theft) हो सकता है, तो आम लोगों का क्या हाल होगा? उनका कहना था कि अपराधी अब पुलिस से डरते ही नहीं हैं। यह बात लोगों के बीच भी खूब चर्चा का विषय बन गई।
अब थोड़ा पीछे चलते हैं। यह पहली बार नहीं है जब महाराष्ट्र के किसी मंत्री के साथ ऐसी घटना हुई हो। इससे पहले उदय सामंत, जो एक और बड़े नेता हैं, उनके साथ भी ऐसा हो चुका है। विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान उनकी लॉबी में भीड़ से उनका मोबाइल गायब हो गया था। उस वक्त सीसीटीवी की मदद से फोन ढूंढने की कोशिश की गई, लेकिन मामला सुलझा नहीं। और तो और, एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में भी उदय सामंत का फोन खो गया था। उस समय मंच से इसकी घोषणा तक करनी पड़ी थी। अब लोग मजाक में कह रहे हैं कि क्या महाराष्ट्र के मंत्रियों का मोबाइल गायब होना आम बात हो गई है?
मस्साजोग की यह घटना सिर्फ एक चोरी की वारदात नहीं है। यह उस हिम्मत को दिखाती है, जो आजकल अपराधियों में बढ़ती जा रही है। पुलिस के सामने महाराष्ट्र मंत्री का मोबाइल चोरी (महाराष्ट्र मंत्री का मोबाइल चोरी / Maharashtra Minister Mobile Theft) होना एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। लोग सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा कर रहे हैं। कोई इसे हंसी-मजाक में ले रहा है, तो कोई सरकार की नाकामी बता रहा है। लेकिन सच यह है कि इसने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है।
पुलिस अब इस मामले की जांच में जुटी है। यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि चोर कौन था और उसने इतनी भीड़ में यह काम कैसे किया। क्या यह सिर्फ एक शरारत थी या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश? अभी ये सवाल अनसुलझे हैं। लेकिन इतना तय है कि यह घटना लंबे वक्त तक लोगों के जेहन में रहेगी। खासकर नई पीढ़ी के लिए, जो हर खबर को सोशल मीडिया पर ट्रेंड बनाना पसंद करती है, यह एक ऐसा किस्सा है जो उनकी जुबान पर बना रहेगा।
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