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DPS Flamingo Lake: नवी मुंबई की डीपीएस फ्लेमिंगो झील बनी संरक्षण क्षेत्र

DPS Flamingo Lake: नवी मुंबई की डीपीएस फ्लेमिंगो झील बनी संरक्षण क्षेत्र

DPS Flamingo Lake: नवी मुंबई की हलचल भरी दुनिया में एक शांत और सुंदर जगह है, जो हर साल गुलाबी फ्लेमिंगो पक्षियों का स्वागत करती है। यह जगह है डीपीएस फ्लेमिंगो झील (DPS Flamingo Lake), जो अब आधिकारिक तौर पर महाराष्ट्र का एक संरक्षण क्षेत्र घोषित हो चुकी है। महाराष्ट्र राज्य वन्यजीव बोर्ड ने इस 30 एकड़ की झील को संरक्षण का दर्जा देने का फैसला किया, जिससे यह थाणे क्रीक फ्लेमिंगो अभयारण्य से जुड़ा पहला आर्द्रभूमि बन गया है। यह कदम न केवल पर्यावरण के लिए, बल्कि नई पीढ़ी के लिए भी एक प्रेरणा है, जो प्रकृति के साथ जुड़ना चाहती है। आइए, इस महत्वपूर्ण कदम की कहानी को समझते हैं।

फ्लेमिंगो पक्षियों का ठिकाना

हर साल, जब थाणे क्रीक फ्लेमिंगो अभयारण्य में ज्वार का स्तर बढ़ता है, तो हजारों फ्लेमिंगो पक्षी अपनी सुरक्षित जगह की तलाश में डीपीएस फ्लेमिंगो झील की ओर उड़ान भरते हैं। यह झील उनके लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जहां वे भोजन करते हैं और आराम करते हैं। इस झील का पानी और उसका पारिस्थितिकी तंत्र फ्लेमिंगो पक्षियों के लिए आदर्श है। लेकिन यह केवल फ्लेमिंगो की कहानी नहीं है। यह झील कई अन्य पक्षियों और जैव विविधता का भी घर है, जो नवी मुंबई के पर्यावरण को समृद्ध बनाता है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में इस झील को संरक्षण क्षेत्र (Conservation Reserve) घोषित करने का निर्णय लिया गया। इस फैसले ने नवी मुंबई की इस नाजुक आर्द्रभूमि को बचाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य के वन मंत्री गणेश नाइक, जो बोर्ड के उपाध्यक्ष भी हैं, ने इस निर्णय के लिए जोरदार पैरवी की। उन्होंने कहा, “यह झील फ्लेमिंगो पक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। इसे जैव विविधता क्षेत्र के रूप में संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है।”

पर्यावरणविदों की जीत

डीपीएस फ्लेमिंगो झील को संरक्षण का दर्जा दिलाने के पीछे नवी मुंबई के पर्यावरणविदों का लंबा संघर्ष है। पिछले साल, जब पास में नेरुल में एक यात्री जल परिवहन टर्मिनल के निर्माण के कारण झील के ज्वारीय प्रवाह अवरुद्ध हो गए, तो झील सूखने लगी। इस वजह से 17 फ्लेमिंगो पक्षियों की मौत हो गई। इस घटना ने स्थानीय पर्यावरण समूहों को हिला दिया। नवी मुंबई पर्यावरण संरक्षण सोसाइटी के संदीप सरीन और नेटकनेक्ट फाउंडेशन के निदेशक बी एन कुमार जैसे कार्यकर्ताओं ने इसके खिलाफ आवाज उठाई।

स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों ने प्रदर्शन किए और मानव श्रृंखला बनाकर इस मुद्दे को सरकार के सामने लाया। उनकी मेहनत रंग लाई, और गणेश नाइक ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि झील में पानी के प्रवाह को बहाल करने के लिए दो ज्वारीय प्रवाह खोले जाएं। नवी मुंबई नगर निगम ने भी पाइपों को पुनर्व्यवस्थित करके पानी के प्रवाह को बेहतर किया। आज, झील के लगभग 60 प्रतिशत हिस्से से शैवाल हटा दिया गया है, और फ्लेमिंगो पक्षी फिर से बड़ी संख्या में यहां लौट रहे हैं।

आर्द्रभूमि का महत्व

डीपीएस फ्लेमिंगो झील जैसी आर्द्रभूमियां केवल पक्षियों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये क्षेत्र जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करते हैं, बाढ़ को नियंत्रित करते हैं और जैव विविधता को बढ़ावा देते हैं। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) के विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसी आर्द्रभूमियों का नुकसान फ्लेमिंगो पक्षियों को नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास जमीन की ओर ले जा सकता है, जिससे पक्षी टकराव का खतरा बढ़ सकता है। इस खतरे को देखते हुए हवाई अड्डे के पर्यावरण प्रभाव आकलन में बीएनएचएस की सिफारिशों का पालन करने का वादा किया गया है।

नवी मुंबई की आर्द्रभूमियां शहर के पर्यावरणीय संतुलन का आधार हैं। ये न केवल पक्षियों के लिए सुरक्षित आश्रय प्रदान करती हैं, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी प्रकृति से जोड़े रखती हैं। डीपीएस फ्लेमिंगो झील का संरक्षण क्षेत्र बनना इस दिशा में पहला कदम है। पर्यावरणविदों का मानना है कि यह फैसला नवी मुंबई की अन्य आर्द्रभूमियों को बचाने के लिए एक मिसाल बनेगा।

नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा

डीपीएस फ्लेमिंगो झील का संरक्षण नई पीढ़ी के लिए एक बड़ा संदेश है। आज के युवा पर्यावरण के प्रति जागरूक हैं और प्रकृति को बचाने के लिए कदम उठाना चाहते हैं। यह झील न केवल फ्लेमिंगो पक्षियों का घर है, बल्कि यह एक ऐसी जगह भी है, जहां युवा प्रकृति की सुंदरता को करीब से देख सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक स्कूल का छात्र जो इस झील के पास पिकनिक के लिए जाता है, वह फ्लेमिंगो पक्षियों को देखकर पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझ सकता है।

यह संरक्षण क्षेत्र नवी मुंबई के लोगों के लिए गर्व की बात है। यह दिखाता है कि सामूहिक प्रयास और जागरूकता से बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। गणेश नाइक ने इसे जनहित और पर्यावरणीय जिम्मेदारी का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह झील न केवल पक्षियों के लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक उपहार है।

संरक्षण की दिशा में पहला कदम

डीपीएस फ्लेमिंगो झील को संरक्षण क्षेत्र घोषित करना नवी मुंबई के पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह फैसला न केवल फ्लेमिंगो पक्षियों को सुरक्षित रखेगा, बल्कि शहर की जैव विविधता को भी मजबूत करेगा। पर्यावरणविदों ने सरकार से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द एक सरकारी प्रस्ताव जारी किया जाए और पक्षियों के उड़ान मार्ग को सुरक्षित किया जाए।

यह झील नवी मुंबई की पहचान का हिस्सा है। इसके गुलाबी फ्लेमिंगो और शांत पानी शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी में एक अनमोल नजारा पेश करते हैं। इस संरक्षण क्षेत्र की स्थापना न केवल पर्यावरण के लिए, बल्कि नवी मुंबई के लोगों के लिए भी एक जीत है।

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