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Mumbai Job Scam: विदेश में नौकरी के नाम पर मुंबई में ठगी, युवाओं से लूटे लाखों रुपये

Mumbai Job Scam: विदेश में नौकरी के नाम पर मुंबई में ठगी, युवाओं से लूटे लाखों रुपये

Mumbai Job Scam: मुंबई, जिसे भारत की आर्थिक राजधानी कहा जाता है, वहां रोज़गार की तलाश में आने वाले युवाओं के सपने अक्सर बड़े-बड़े वादों के जाल में फंस जाते हैं। हाल ही में, वनराई पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की है, जिन्होंने विदेश में नौकरी का झांसा देकर नौकरी चाहने वालों से 2.25 लाख रुपये की ठगी की। इस घटना ने एक बार फिर ऑनलाइन धोखाधड़ी और नौकरी के नाम पर ठगी की गंभीर समस्या को उजागर किया है।

इस मामले का शिकार बने 28 वर्षीय पवन धामनकर, जो अंधेरी वेस्ट में एक बीपीओ कर्मचारी हैं। पवन की तरह ही कई युवा आजकल सोशल मीडिया पर नौकरी के विज्ञापनों को देखकर आकर्षित होते हैं। अप्रैल 2024 में, पवन ने इंस्टाग्राम पर टॉरटॉयस कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी का एक विज्ञापन देखा, जिसमें विदेश में नौकरी का आकर्षक ऑफर था। विज्ञापन में दिए गए लिंक ने उन्हें tortoiseglobalserve.com नामक वेबसाइट पर ले गया। इस वेबसाइट को देखकर पवन को लगा कि यह एक भरोसेमंद कंपनी है। उन्होंने अपनी जानकारी वेबसाइट पर दर्ज की, और जल्द ही उन्हें “श्रद्धा सरंग” नाम की एक महिला का व्हाट्सएप पर मैसेज आया। इस तरह से ठगी की कहानी शुरू हुई, जिसका अंजाम बेहद दुखद था।

श्रद्धा ने पवन को कांदिवली वेस्ट में कंपनी के ऑफिस आने का न्योता दिया। वहां उनकी मुलाकात माइकल वेगा नाम के एक शख्स से हुई, जिन्होंने पवन को विदेश में नौकरी के लिए 4.5 लाख रुपये देने की बात कही। यह राशि किस्तों में चुकाने का विकल्प भी दिया गया। पवन, जो एक बेहतर भविष्य की उम्मीद में थे, ने इस ऑफर को स्वीकार कर लिया। जून 2024 में, कंपनी ने अपना ऑफिस गोरेगांव ईस्ट में शिफ्ट किया। वहां पवन की मुलाकात मधुकर झा से हुई, जिन्होंने उन्हें फिनलैंड और पुर्तगाल जाने वाले जहाज पर काम का ऑफर दिया। एक एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) तैयार किया गया, और पवन ने 75,000 रुपये यूपीआई के जरिए जमा कर दिए। यह राशि नौकरी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए थी।

कुछ समय बाद, नवंबर 2024 में, वीजा प्रोसेसिंग के नाम पर पवन से फिर 75,000 रुपये लिए गए। पवन को भरोसा दिलाया गया कि जल्द ही उनकी नियुक्ति पक्की हो जाएगी। लेकिन अचानक उन्हें बताया गया कि उनकी नियुक्ति रद्द हो गई है। यह खबर पवन के लिए किसी झटके से कम नहीं थी। इसके बाद ठगों ने कहानी को और पेचीदा कर दिया। उन्होंने पवन को बताया कि उनके पार्टनर मधुकर झा की मृत्यु हो गई है, और अब माइकल वेगा पूरी प्रक्रिया को संभालेंगे। साथ ही, यह भी कहा गया कि कंपनी का बैंक खाता फ्रीज हो गया है, और जल्द ही नई तारीख दी जाएगी।

पवन ने धैर्य रखा और इंतजार किया। जनवरी 2025 में एक नई नियुक्ति की तारीख दी गई, लेकिन वह भी असफल रही। इसके बाद कंपनी के लोग पवन के फोन कॉल्स का जवाब देना बंद कर दिया। जब पवन ने गोरेगांव के ऑफिस का दौरा किया, तो वहां ताला लटका हुआ था। वहां उनकी मुलाकात कुछ अन्य पीड़ितों से हुई, जिन्हें भी उसी तरह ठगा गया था। सभी पीड़ितों ने मिलकर वनराई पुलिस में शिकायत दर्ज की, जिसमें कुल 2.25 लाख रुपये की ठगी का उल्लेख था। इस मामले में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4) (ठगी) और 319(2) (पहचान छिपाकर ठगी) के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है।

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि सोशल मीडिया पर नजर आने वाले हर विज्ञापन पर भरोसा करना कितना सुरक्षित है। टॉरटॉयस कम्युनिकेशन जैसी कंपनियां आकर्षक वेबसाइट्स और बड़े-बड़े वादों के जरिए युवाओं को अपने जाल में फंसाती हैं। पवन जैसे कई युवा, जो मेहनत से कमाए हुए पैसे को बेहतर भविष्य के लिए निवेश करते हैं, ऐसी ठगी का शिकार हो जाते हैं। इस मामले में आरोपियों के नाम मधुकर झा, माइकल वेगा, श्रद्धा सरंग, परवीन शेख और एक अन्य व्यक्ति हैं। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है, और उम्मीद है कि जल्द ही पीड़ितों को न्याय मिलेगा।

यह कहानी सिर्फ पवन की नहीं, बल्कि उन तमाम युवाओं की है, जो विदेश में नौकरी के सपने को सच करने की कोशिश में ठगी का शिकार हो जाते हैं। ऑनलाइन ठगी (Online Fraud) और विदेश में नौकरी की ठगी (Job Scam Abroad) आज के समय में एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। सोशल मीडिया के इस दौर में, जहां हर दिन नए-नए ऑफर सामने आते हैं, हमें अपने फैसले सोच-समझकर लेने होंगे।

मुंबई जैसे शहर में, जहां हर दिन हजारों लोग अपने करियर को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का सपना देखते हैं, ऐसी घटनाएं एक चेतावनी की तरह हैं। यह जरूरी है कि हम किसी भी कंपनी के ऑफर को स्वीकार करने से पहले उसकी विश्वसनीयता की जांच करें। एक साधारण सा कदम, जैसे कि कंपनी की वेबसाइट, ऑफिस का पता, और पिछले ग्राहकों की समीक्षा जांचना, हमें ऐसी ठगी से बचा सकता है।

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