पाकिस्तान के खिलाफ भारत का गुस्सा अब चरम पर है। हाल ही में AIMIM नेता वारिस पठान ने पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने अफरीदी को ISI का ‘कुत्ता’ करार दिया और कहा कि उनकी पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पहले ही अफरीदी को ‘जोकर’ बता दिया था। ये बयान उस समय आया जब अफरीदी ने पहलगाम आतंकी हमले पर भारतीय सेना को जिम्मेदार ठहराने वाला शर्मनाक बयान दिया था। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
वारिस पठान का पाकिस्तान पर हमला
रिपब्लिक चैनल से बातचीत में वारिस पठान ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत सरकार जो भी कदम उठाएगी, AIMIM उसका पूरा समर्थन करेगी। उन्होंने कहा, “विपदा की इस घड़ी में हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैं। देश के 140 करोड़ लोग आतंकवाद को समर्थन देने वाले पाकिस्तान का सफाया करने के लिए सरकार के साथ खड़े हैं।”
पठान ने दिल्ली में हुई सर्वदलीय बैठक का जिक्र करते हुए बताया कि असदुद्दीन ओवैसी सहित सभी विपक्षी नेताओं ने सरकार को अपना समर्थन देने की बात कही थी। ये दिखाता है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत एकजुट है।
शाहिद अफरीदी का विवादित बयान
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर निंदनीय टिप्पणी की थी। उन्होंने इस हमले के लिए भारतीय सेना को जिम्मेदार ठहराया और विंग कमांडर अभिनंदन का मजाक उड़ाया। 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए इस हमले में 22 लोगों की जान चली गई थी। अफरीदी का ये बयान न केवल भारत के खिलाफ था, बल्कि ये आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला भी था।
भारत सरकार का सख्त एक्शन
पाकिस्तान के इस रवैये के खिलाफ भारत सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। 2 मई 2025 को सरकार ने शाहिद अफरीदी सहित कई पाकिस्तानी क्रिकेटर्स के इंस्टाग्राम अकाउंट भारत में बंद कर दिए। इनमें बाबर आजम, मोहम्मद रिजवान, शाहीन शाह, और हारिस रऊफ जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इसके अलावा, पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडलिस्ट अरशद नदीम का अकाउंट भी पहले ही बंद किया जा चुका है।
इतना ही नहीं, सरकार ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के यूट्यूब चैनल को भी भारत में ब्लॉक कर दिया। इससे पहले 16 अन्य पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर भी प्रतिबंध लगाया जा चुका है। ये कदम दिखाते हैं कि भारत अब पाकिस्तान के खिलाफ हर ओर से सख्ती बरत रहा है।
क्यों है ये मामला महत्वपूर्ण?
पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद को समर्थन देता रहा है। पहलगाम हमले के बाद उसकी गीदड़भभकी और अफरीदी जैसे लोगों के बयान ने स्थिति को और गंभीर कर दिया है। भारत का ये सख्त रुख न केवल आतंकवाद के खिलाफ उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि ये भी संदेश देता है कि अब कोई भी देश भारत के खिलाफ उकसावे की कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेगा।
भारत सरकार और नेताओं का ये एकजुट रुख देश की ताकत को दर्शाता है। वारिस पठान का बयान और सरकार के कड़े कदम पाकिस्तान को साफ संदेश देते हैं कि भारत अब चुप नहीं रहेगा। आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में हर भारतीय सरकार के साथ है। आप इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं? अपनी राय कमेंट में जरूर साझा करें।
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