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Western Railway Clears Encroachment: बांद्रा में वेस्टर्न रेलवे की बड़ी कार्रवाई, तानसा पाइपलाइन के पास 45 झुग्गियां हटाईं

Western Railway Clears Encroachment: बांद्रा में वेस्टर्न रेलवे की बड़ी कार्रवाई, तानसा पाइपलाइन के पास 45 झुग्गियां हटाईं

Western Railway Clears Encroachment: मुंबई का बांद्रा, जहां हर दिन हजारों लोग ट्रेनों से यात्रा करते हैं, एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह है वेस्टर्न रेलवे का एक बड़ा कदम, जिसने बांद्रा के तानसा पाइपलाइन के पास 780 वर्ग मीटर रेलवे भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया। यह जमीन पहले बांस, तिरपाल, और प्लास्टिक शीट्स से बनी 45 अवैध झुग्गियों से घिरी हुई थी। शुक्रवार को, 225 से अधिक कर्मियों की एक संयुक्त टीम ने इस क्षेत्र को साफ करने के लिए दिनभर मेहनत की। यह नजारा न केवल रेलवे की सख्ती को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि मुंबई जैसे व्यस्त शहर में सार्वजनिक जमीन को बचाना कितना जरूरी है।

वेस्टर्न रेलवे अतिक्रमण हटाव (Western Railway Encroachment Removal) की यह कार्रवाई रेलवे सुरक्षा बल (RPF), सरकारी रेलवे पुलिस (GRP), स्थानीय पुलिस, और रेलवे के इंजीनियरिंग कर्मचारियों के सहयोग से पूरी की गई। इतने बड़े पैमाने पर अभियान होने के बावजूद, अधिकारियों ने बताया कि यह पूरी तरह शांतिपूर्ण और बिना किसी हादसे के संपन्न हुआ। यह अभियान सुबह जल्दी शुरू हुआ, जब टीमें भारी मशीनों और उपकरणों के साथ तानसा पाइपलाइन के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में पहुंचीं। वहां बनी अस्थायी झुग्गियां, जो रेलवे की जमीन पर सालों से कब्जा किए हुए थीं, एक-एक करके हटाई गईं।

मुंबई में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कोई नई बात नहीं है। बांद्रा जैसे क्षेत्र, जो शहर के बीचों-बीच है, अक्सर अवैध कब्जों का शिकार होते हैं। ये झुग्गियां न केवल रेलवे की जमीन को अवरुद्ध करती हैं, बल्कि यात्रियों और रेल संचालन के लिए भी खतरा पैदा करती हैं। उदाहरण के लिए, 2023 में एक ऐसी ही झुग्गी में आग लगने की घटना ने रेलवे लाइन को कई घंटों तक प्रभावित किया था। वेस्टर्न रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अतिक्रमण हटाव (Encroachment Removal) का यह अभियान रेलवे की महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को सुरक्षित रखने का हिस्सा है। यह न केवल रेल संचालन के लिए जरूरी है, बल्कि जनता की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।

इस अभियान की खास बात यह थी कि इसे बहुत सोच-समझकर और व्यवस्थित तरीके से अंजाम दिया गया। रेलवे ने पहले ही इस क्षेत्र का सर्वेक्षण किया था और स्थानीय लोगों को सूचित किया था। इसके बावजूद, कई परिवारों के लिए यह एक कठिन दिन था, क्योंकि उनकी झुग्गियां हटा दी गईं। लेकिन रेलवे ने यह सुनिश्चित किया कि कार्रवाई मानवीय तरीके से हो और किसी भी तरह की हिंसा से बचा जाए। वेस्टर्न रेलवे अतिक्रमण हटाव (Western Railway Encroachment Removal) की यह पहल सिर्फ एक शुरुआत है। अधिकारियों ने कहा कि ऐसी कार्रवाइयां नियमित रूप से जारी रहेंगी ताकि रेलवे की जमीन को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त रखा जा सके।

मुंबई जैसे शहर में, जहां हर इंच जमीन की कीमत है, रेलवे की जमीन को बचाना आसान काम नहीं है। तानसा पाइपलाइन के पास का यह क्षेत्र न केवल रेलवे के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शहर की जल आपूर्ति के लिए भी अहम है। अवैध कब्जों से न केवल रेल संचालन प्रभावित होता है, बल्कि इससे बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंचता है। इस अभियान ने दिखाया कि वेस्टर्न रेलवे अपनी जमीन को वापस लेने और इसे सुरक्षित रखने के लिए कितना प्रतिबद्ध है।

यह अभियान मुंबई की जनता के लिए भी एक संदेश है कि सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा सबकी जिम्मेदारी है। रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में ऐसी कार्रवाइयां और सख्त होंगी। तानसा पाइपलाइन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को अतिक्रमण से मुक्त रखने के लिए नियमित जांच और कार्रवाई की जाएगी। अतिक्रमण हटाव (Encroachment Removal) न केवल रेलवे की कार्यक्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि मुंबई का रेल नेटवर्क सुचारू और सुरक्षित रहे।

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