CCTV Systems in Rail Locomotives: भारत की रेलवे प्रणाली में सुरक्षा और पारदर्शिता को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। पश्चिम रेलवे ने अपने सभी रेल इंजनों में विमान जैसे उन्नत सीसीटीवी सिस्टम (Aircraft-Style CCTV Systems) स्थापित करने की घोषणा की है, जो रेल यात्रियों और कर्मचारियों के लिए एक नई सुरक्षा की गारंटी लेकर आया है। यह परियोजना इस वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरी हो जाएगी, जिससे रेलवे की कार्यप्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिलेगा। इस कदम से न केवल दुर्घटनाओं की जाँच में आसानी होगी, बल्कि लोको पायलट की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा सकेगी।
पश्चिम रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि ये हाई-टेक कैमरे, जो STQC (मानकीकरण, परीक्षण और गुणवत्ता प्रमाणन) मानकों के अनुरूप हैं, विमानों में लगे ब्लैक बॉक्स की तरह काम करेंगे। ये कैमरे महत्वपूर्ण डेटा रिकॉर्ड करेंगे, जो दुर्घटना या तकनीकी खराबी की स्थिति में जाँच के लिए उपयोगी होंगे। प्रत्येक रेल इंजन में छह उन्नत कैमरे लगाए जाएँगे, जो लाइव वीडियो फुटेज, ध्वनि, पटरियों की स्थिति और ड्राइविंग केबिन के अंदर लोको पायलट की गतिविधियों को रिकॉर्ड करेंगे। पश्चिम रेलवे के पास वर्तमान में 810 इलेक्ट्रिक और 168 डीजल इंजन हैं, जिनमें धीरे-धीरे यह सिस्टम स्थापित किया जाएगा। प्रत्येक इंजन में इन कैमरों को लगाने की लागत लगभग 8 से 10 लाख रुपये के बीच होने का अनुमान है।
इस परियोजना के तहत, ड्राइविंग केबिन के अंदर दो कैमरे लगाए जाएँगे। एक कैमरा सामने की ओर और दूसरा पीछे की ओर होगा, ताकि इंजन की दिशा बदलने पर भी पूरी निगरानी हो सके। ये कैमरे लोको पायलट के कार्यों और केबिन की स्थिति का व्यापक रिकॉर्ड रखेंगे। इसके अलावा, इंजन के बाहर भी दो कैमरे लगाए जाएँगे, जो आगे और पीछे की पटरियों की स्थिति को रिकॉर्ड करेंगे। यह सिस्टम दुर्घटना या तकनीकी खराबी के कारणों का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। साथ ही, इंजन के दाएँ और बाएँ हिस्से पर दो और कैमरे लगाए जाएँगे, जो आसपास के वातावरण की निगरानी करेंगे। ये कैमरे पटरी से उतरने या बगल की टक्कर जैसी घटनाओं में महत्वपूर्ण सबूत प्रदान करेंगे।
पश्चिम रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि यह रेल सुरक्षा प्रणाली (Rail Safety System) रेलवे के सभी यात्री और मालगाड़ी इंजनों में लागू की जाएगी। कैमरों से प्राप्त फुटेज आपातकालीन स्थिति या असामान्य परिस्थितियों की जाँच में महत्वपूर्ण साबित होगी। यह सिस्टम न केवल तकनीकी खराबी के कारणों का पता लगाने में मदद करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि रेल संचालन में पारदर्शिता बनी रहे। STQC प्रमाणन, जो इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा अनिवार्य है, यह गारंटी देता है कि ये सीसीटीवी सिस्टम उच्च साइबर सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों को पूरा करते हैं। इस प्रमाणन प्रक्रिया में कार्यक्षमता और डेटा सुरक्षा की गहन जाँच और सत्यापन शामिल है।
यह पहल रेलवे में बढ़ती दुर्घटनाओं और सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। हाल के वर्षों में, पटरियों पर बाहरी वस्तुएँ जैसे पत्थर, लोहे की छड़ें या अन्य सामान रखे जाने की घटनाएँ सामने आई हैं, जिन्होंने रेलवे अधिकारियों की चिंता बढ़ाई है। इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए, विमान जैसे उन्नत सीसीटीवी सिस्टम (Aircraft-Style CCTV Systems) एक प्रभावी समाधान साबित हो सकते हैं। ये कैमरे न केवल घटनाओं को रिकॉर्ड करेंगे, बल्कि वास्तविक समय में संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाने में भी मदद करेंगे। इससे रेलवे प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करने का मौका मिलेगा।
पश्चिम रेलवे की यह पहल न केवल तकनीकी स्तर पर एक प्रगति है, बल्कि यह यात्रियों के लिए भी एक सुरक्षित और विश्वसनीय यात्रा अनुभव सुनिश्चित करती है। लोको पायलट की गतिविधियों पर नजर रखने से न केवल उनकी जिम्मेदारी बढ़ेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि वे संचालन के दौरान पूरी तरह सतर्क रहें। इसके अलावा, यह सिस्टम रेलवे कर्मचारियों के लिए भी एक अतिरिक्त सुरक्षा कवच प्रदान करेगा, क्योंकि यह किसी भी असामान्य स्थिति में उनके कार्यों का सटीक रिकॉर्ड रखेगा।
पश्चिम रेलवे का यह कदम अन्य रेलवे जोनों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है। पहले से ही भारतीय रेलवे ने अपने कोचों और स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की दिशा में काम शुरू किया है, लेकिन इंजनों में इस तरह के उन्नत सिस्टम की स्थापना एक नया मानक स्थापित कर रही है। यह परियोजना न केवल रेलवे की तकनीकी क्षमता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि रेलवे प्रशासन यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा को कितनी गंभीरता से ले रहा है।
इस परियोजना के लागू होने से रेलवे संचालन में एक नई पारदर्शिता आएगी। कैमरों से प्राप्त डेटा न केवल दुर्घटना जाँच में उपयोगी होगा, बल्कि यह रेलवे प्रशासन को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने का अवसर भी देगा। यह सिस्टम रेल सुरक्षा प्रणाली (Rail Safety System) को और मजबूत करेगा और यात्रियों के बीच विश्वास को बढ़ाएगा। पश्चिम रेलवे की इस पहल से यह स्पष्ट है कि रेलवे न केवल अपनी सेवाओं को आधुनिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहता है कि हर यात्रा सुरक्षित और सुगम हो।
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