दोस्तों, वैसे तो नोटों की वजह से हमारी जिंदगी चल रही है, वर्ना इसके बिना तो हम एक कदम भी ना चल पाएं। लेकिन जो नोट हमारे लिए इतना मायने रखता है उस बारे में आप कितना जानते हैं? क्या आपको पता है, कि ये नोट बनता किस मटेरियल से है? नहीं जानते हैं तो आज जान लीजिए।
दरअसल किसी एक सोशल मीडिया यूजर ने Quora पर ये सवाल किया कि नोट किस चीज से बनता है, तब से हर सोशल यूजर इस सवाल के जवाब में जुटा है और उसकी जानकारी एक-दूसरे को देने में लगा है। तो फिर देक किस बात की है, आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार भारत की करेंसी, यानी नोट किसी साधारण पेपर से नहीं, बल्कि 100% कॉटन फाइबर (सूती रेशे) बने होते हैं। जी हां, हैं ना दिलचस्प?
क्यों कॉटन से ही बनता है नोट?
ये सवाल भी लाजमी है। तो इसका जवाब ये है कि कॉटन स बने नोट कागज की तुलना में ज्यादा बेहतर होते हैं। इसमें नमी को सहन करने की क्षमता ज्यादा होती है, जिसकी वजह से ये जल्दी फटते नहीं। यही नहीं, इसके अलावा कॉटन की मजबूती और टैक्सचर इसे एंटी-फेक सिक्योरिटी के लिए भी आइडल बनाती है, जिसकी वजह से नकली नोट बनाना काफी मुश्किल हो जाता है।
सुरक्षा की परतें
भारतीय नोटों के सिक्योरिटी फीचर्स काफी शानदार होते हैं। उन फीचर्स में शामिल हैं –
वॉटरमार्क और इलेक्ट्रोटाइप वॉटरमार्क: रोशनी में नोट में दिखने वाले खास चित्र।
सिक्योरिटी थ्रेड: नोट के बीच में लगी चांदी की लाइन।
लेटेंट इमेज: छुपा हुआ वो चिन्ह, जिसे कुछ खास एंगल से ही देखा जा सकता है।
सी-थ्रू रजिस्टर: नोटों के दोनों ओर अधूरी छवी बनी होती है, जिसे मिलाकर एक पूरी तस्वीर बनती है।
माइक्रो लेटरिंग: बेहद छोटे अक्षरों में छपी जानकारी, जैसे राशि या ‘RBI’
RBI की मुहर और गवर्नर का सिग्नेचर: असली नोट की पहचान।
कलर शिफ्टिंग इंक: 500 रुपये के नोट पर दिखने वाला वो इंक, जो एंगल बदलने पर हरा से नीला हो जाता है।
जानकारी हो कि ना सिर्फ भारत, बल्कि अमेरिका जैसे देश भी अपने नोट को बनाने में 75% कॉटन और 25% लिनन का इस्तेमाल करते हैं। सैकड़ों साल पुरानी ये परंपरा अब तक चली आ रही है, क्योंकि ये सुरक्षित और ताकतवर है।