Baby Theft Hospital Registration Canceled: महाराष्ट्र में एक ऐसा फैसला आया है, जो हर माता-पिता और अस्पताल के लिए बेहद जरूरी है। अब अगर किसी अस्पताल या नर्सिंग होम से नवजात शिशु की चोरी (baby theft) होती है, तो उस अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द हो सकता है। यह नया नियम महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को लागू किया, और यह सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर आधारित है।
महाराष्ट्र सरकार ने यह कड़ा कदम सुप्रीम कोर्ट के एक महत्वपूर्ण फैसले के बाद उठाया है। यह फैसला पिंकी बनाम उत्तर प्रदेश और अन्य (Pinky Vs Uttar Pradesh & Others) मामले में आया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि अस्पतालों को अपने यहां होने वाली किसी भी गलती की जिम्मेदारी लेनी होगी। अगर किसी अस्पताल में नवजात शिशु की चोरी या तस्करी (baby trafficking) होती है, तो महाराष्ट्र नर्सिंग होम्स रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1949 के तहत उस अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा। यह नियम न केवल निजी अस्पतालों पर, बल्कि सरकारी अस्पतालों पर भी लागू होगा।
सरकारी अस्पतालों में अगर ऐसी कोई घटना होती है, तो जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी। सरकार का कहना है कि अस्पतालों का यह कर्तव्य है कि वे नवजात शिशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें। कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर किसी माता-पिता का शिशु चोरी या अपहरण का शिकार होता है, तो अस्पताल को उनकी मानसिक स्थिति का ख्याल रखना होगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं के तहत माता-पिता को सहायता दी जाएगी।
यह नियम हर उस व्यक्ति के लिए राहत की खबर है, जो अपने नवजात शिशु की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता है। अस्पतालों को अब अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना होगा, ताकि ऐसी दुखद घटनाएं न हों। सरकार का यह कदम न केवल अस्पतालों को जिम्मेदार बनाएगा, बल्कि माता-पिता को भी यह भरोसा दिलाएगा कि उनके बच्चे सुरक्षित हाथों में हैं।