Crackdown on Hydro Ganja Smuggling: महाराष्ट्र में एक नई चुनौती ने सरकार का ध्यान खींचा है, और यह है हाइड्रो गांजा (hydro ganja) की तस्करी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में विधानसभा के मॉनसून सत्र में बताया कि थाईलैंड और अमेरिका में इसे वैध करने के बाद भारत में इसकी तस्करी तेजी से बढ़ रही है। खासकर कुरियर सेवाओं और बंदरगाहों के जरिए हाइड्रो गांजा तस्करी (hydro ganja smuggling) देश में पहुंच रहा है, जिसे रोकना अब सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
पिछले साल यानी 2024 में, महाराष्ट्र पुलिस ने 4,115.59 करोड़ रुपये की एमडी ड्रग्स जब्त की थी। इस साल मई 2025 तक, 138.90 करोड़ रुपये की ड्रग्स पकड़ी गई। फडणवीस ने बताया कि तस्कर अब नए-नए तरीके अपना रहे हैं। कुछ दिन पहले ही मुंबई में दो इंडोनेशियाई नागरिकों को 21 किलोग्राम हाइड्रो गांजा के साथ पकड़ा गया, जिसकी कीमत 21.55 करोड़ रुपये थी। यह ड्रग्स कुरियर के जरिए लाई जा रही थी। इसके अलावा, गुजरात और महाराष्ट्र के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) जैसे बंदरगाहों का इस्तेमाल भी तस्करी के लिए हो रहा है। इन बंदरगाहों पर ड्रग्स को कार्गो में छिपाकर लाया जाता है।
सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। गुजरात और महाराष्ट्र के बंदरगाहों पर ड्रग्स का पता लगाने वाले स्कैनर लगाए गए हैं। साथ ही, उन देशों से आने वाले सामान की रैंडम जांच शुरू की गई है, जहां से ड्रग्स की तस्करी की आशंका है। फडणवीस ने बताया कि पुलिस अब केवल तस्करों को पकड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि ड्रग्स की पूरी सप्लाई चेन को तोड़ने के लिए आगे-पीछे के कनेक्शन की जांच को भी अनिवार्य कर दिया गया है।
इसके साथ ही, एक चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि तस्कर अब कैंसर के आखिरी स्टेज के मरीजों को भी ड्रग्स की तस्करी के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। फडणवीस ने कहा कि ऐसे तीन मामले सामने आए हैं, जहां कैंसर मरीजों को ड्रग्स ले जाने के लिए मजबूर किया गया। इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सरकार सख्त कदम उठा रही है। तस्करों को आसानी से जमानत मिलने की समस्या को देखते हुए, सरकार अब महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (Maharashtra Control of Organised Crime Act) जैसे सख्त कानूनों में बदलाव कर रही है, ताकि दोषियों को जमानत मिलना मुश्किल हो।
फडणवीस ने एक बड़े तस्कर नवीन जिचकर के बारे में भी बताया, जिसे मलेशिया से भारत प्रत्यर्पित किया गया। जिचकर ने ऑस्ट्रेलिया में एक द्वीप खरीदा था, जिसका इस्तेमाल वह थाईलैंड और अमेरिका से हाइड्रो गांजा भेजने के लिए करता था। उसे गिरफ्तार किया गया, साथ ही डाक और कस्टम विभाग से जुड़े कुछ लोगों और दो पुलिसकर्मियों को भी पकड़ा गया, जिन्हें बाद में बर्खास्त कर दिया गया।
सरकार ने ड्रग्स के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए स्कूलों में बच्चों को शामिल करने वाली एक मुहिम भी शुरू की है। फडणवीस का कहना है कि ड्रग्स की बुनियादी संरचना को तोड़ना और समाज में इसके खिलाफ जागरूकता फैलाना जरूरी है। इसीलिए कई कमिश्नरेट में इस तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं। यह मामला सिर्फ कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के भविष्य को बचाने की लड़ाई है।