महाराष्ट्र के पालघर जिले के वाडा तालुका में नाकारपाड़ा और जुगरे पाड़ा गांवों के बच्चे हर दिन अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने इस गंभीर समस्या को सबके सामने ला दिया है, जिसमें बच्चे खतरनाक तरीके से राखाडी नदी के ऊपर बने बहते बांध पर चलकर स्कूल पहुंचते नजर आ रहे हैं।
खतरनाक रास्ता, मजबूरी बन गया
ये बच्चे गरगांव स्कूल में पढ़ते हैं, लेकिन स्कूल तक पहुंचने का रास्ता बेहद जोखिम भरा है। राखाडी नदी के ऊपर बना ये बांध बच्चों के लिए एकमात्र छोटा रास्ता है, जो सिर्फ दो किलोमीटर की दूरी पर स्कूल तक ले जाता है। दूसरा विकल्प सड़क मार्ग है, जो 5 किलोमीटर लंबा है। इस लंबे रास्ते से आने-जाने में बच्चों को भारी थकान होती है, जिसके कारण कई बच्चे स्कूल जाने में रुचि खो देते हैं। नतीजतन, वे खतरनाक बांध को पार करने को मजबूर हैं।
मुंबई से सटे पालघर में बच्चे अपनी जान पर खेल कर कुछ इस तरह से हर रोज स्कूल जाते है..#Maharashtra pic.twitter.com/rtCmGUBFpb
— Vivek Gupta (@imvivekgupta) July 3, 2025
सरकार की लापरवाही उजागर
ये स्थिति बेहद चिंताजनक है। एक छोटी सी चूक बच्चों की जिंदगी को खतरे में डाल सकती है। गांववासियों और बच्चों ने सरकार से मांग की है कि राखाडी नदी पर एक मजबूत और सुरक्षित पुल बनाया जाए। अगर पुल बनाना संभव नहीं है, तो कम से कम इस बांध को ऊंचा और सुरक्षित किया जाए। ये समस्या सरकार और प्रशासन की उदासीनता को दर्शाती है, जो आज भी देश के कई गांवों में बच्चों की शिक्षा के लिए बुनियादी सुविधाओं की कमी को उजागर करती है।
बच्चों की शिक्षा के लिए सुरक्षित रास्ते की जरूरत
गौरतलब है कि ये सिर्फ एक गांव की कहानी नहीं है। देश के कई ग्रामीण इलाकों में बच्चे पढ़ाई के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। सरकार को तत्काल इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है ताकि बच्चों को सुरक्षित और आसान रास्ता मिल सके। क्या बच्चों का भविष्य इतना जोखिम भरा होना चाहिए? ये सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है।
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