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Fadnavis Condemns Violence Over Marathi Language: महाराष्ट्र में मराठी के नाम पर हिंसा नहीं चलेगी, मुख्यमंत्री फडणवीस ने दी कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी

Fadnavis Condemns Violence Over Marathi Language: महाराष्ट्र में मराठी के नाम पर हिंसा नहीं चलेगी, मुख्यमंत्री फडणवीस ने दी कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी

Fadnavis Condemns Violence Over Marathi Language: महाराष्ट्र में मराठी भाषा (Marathi Language) को लेकर हाल ही में कुछ ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिन्होंने लोगों का ध्यान खींचा है। एक तरफ मराठी भाषा के प्रति गर्व और सम्मान की बात हो रही है, तो दूसरी तरफ कुछ लोग इसे बहाना बनाकर हिंसा (Violence) का रास्ता अपना रहे हैं। इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने साफ कहा कि मराठी भाषा के नाम पर गुंडागर्दी (Hooliganism) बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई (Legal Action) होगी।

यह सब तब शुरू हुआ जब ठाणे जिले के भायंदर में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के कार्यकर्ताओं ने एक फूड स्टॉल मालिक पर हमला किया, क्योंकि उसने मराठी में बात नहीं की। एक अन्य घटना में मुंबई के एक व्यापारी ने सार्वजनिक रूप से कहा कि वह मराठी नहीं बोलेंगे, भले ही वह कई सालों से शहर में रह रहे हों। इन घटनाओं ने पूरे राज्य में भाषा को लेकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया।

फडणवीस ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए कहा कि मराठी भाषा (Marathi Language) के प्रति गर्व करना गलत नहीं है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि किसी को जबरदस्ती मराठी बोलने के लिए मजबूर किया जाए या हिंसा (Violence) की जाए। उन्होंने कहा कि अगर कोई कानून को अपने हाथ में लेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि भायंदर की घटना में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है और कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

फडणवीस ने भाषाई कट्टरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ लोग हिंदी को लेकर विवाद पैदा करते हैं, लेकिन अंग्रेजी को आसानी से स्वीकार कर लेते हैं। उन्होंने पूछा कि यह कैसा सोच है? उनका कहना था कि मराठी के साथ-साथ भारत की किसी भी अन्य भाषा के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जैसे महाराष्ट्र में मराठी बोलने की अपेक्षा की जाती है, वैसे ही अन्य राज्यों में मराठी लोग काम करते हैं और वहां की स्थानीय भाषा में पूरी तरह पारंगत नहीं होते। ऐसे में अगर उनके साथ वैसा ही व्यवहार हो, तो यह उचित नहीं होगा।

मुख्यमंत्री ने मराठी भाषा को बढ़ावा देने के लिए रचनात्मक तरीके अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अगर आप वाकई मराठी भाषा (Marathi Language) पर गर्व करते हैं, तो इसे बोलें, दूसरों को इसे बोलने के लिए प्रोत्साहित करें और मराठी सिखाने के लिए कक्षाएं शुरू करें। उन्होंने यह भी सवाल किया कि कुछ लोग अपने बच्चों को उन स्कूलों में क्यों भेजते हैं जहां मराठी को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाता है? इसके बजाय उन्हें मराठी माध्यम के स्कूलों में भेजना चाहिए।

इस बीच, बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एमएनएस की आलोचना करते हुए कहा कि वे गरीब हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं। राणे ने सवाल उठाया कि क्या मुंबई के कुछ खास इलाकों में रहने वाले लोग शुद्ध मराठी बोलते हैं? उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग मराठी के नाम पर हिंसा (Violence) कर रहे हैं, जो स्वीकार्य नहीं है।

यह पूरा मामला तब और गरमाया जब सरकार ने स्कूलों में हिंदी, अंग्रेजी और मराठी को अनिवार्य करने वाली तीन-भाषा नीति से जुड़े दो सरकारी प्रस्तावों को वापस ले लिया। फडणवीस ने इस फैसले पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वे इस मुद्दे पर अवसरवादी रवैया अपना रहे हैं।

महाराष्ट्र में भाषा को लेकर यह विवाद अब एक बड़े मुद्दे का रूप ले चुका है। फडणवीस ने साफ कर दिया है कि मराठी भाषा के सम्मान (Marathi Pride) के लिए रचनात्मक कदम उठाए जाने चाहिए, न कि हिंसा का सहारा लिया जाए। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि मराठी के नाम पर गुंडागर्दी (Hooliganism) करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और कानून अपना काम करेगा।

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