महाराष्ट्रमुंबई

Palghar Pregnancy Checkup Negligence: बिना डॉक्टर के हो रही हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की जांच, पालघर की आशा सेविका ने खोली पोल!

Palghar Pregnancy Checkup Negligence: बिना डॉक्टर के हो रही हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की जांच, पालघर की आशा सेविका ने खोली पोल!

Palghar Pregnancy Checkup Negligence: पालघर के डहाणू में सरावली उपकेंद्र की एक ऐसी सच्चाई सामने आई है, जो सुनकर आपका दिल दहल जाएगा। यह कहानी उन गर्भवती महिलाओं की है, जिनके सपने और उम्मीदें एक नन्हा मेहमान लाने की खुशी से जुड़ी हैं, लेकिन उनके स्वास्थ्य की जिम्मेदारी उठाने वाला कोई नहीं। स्वास्थ्य केंद्र लापरवाही का यह मामला अब सोशल मीडिया पर भी तूल पकड़ रहा है। बात इतनी गंभीर है कि पालघर गर्भवती जांच में हुई लापरवाही ने हर किसी को हैरान कर दिया है।

हर मंगलवार को सरावली उपकेंद्र में गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष जांच शिविर लगता है। नियमों के मुताबिक, इन शिविरों में डॉक्टर, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी और आरोग्य सेविका का होना जरूरी है। लेकिन हकीकत कुछ और ही है। यहां न तो डॉक्टर आते हैं और न ही अधिकारी। सारा काम आशा सेविकाओं और सहायक परिचारिकाओं के भरोसे चल रहा है। हाल ही में एक शिविर में 13 ऐसी गर्भवती महिलाएं आईं, जिन्हें ‘हाई रिस्क’ की श्रेणी में रखा गया था। यानी, उनकी गर्भावस्था में कुछ जटिलताएं थीं, जिन्हें खास देखभाल की जरूरत थी। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इन महिलाओं की कोई जांच नहीं हुई, सिर्फ टीकाकरण करके उन्हें घर भेज दिया गया।

आशा सेविका नीतू गाहला की बातें सुनकर तो और भी गुस्सा आता है। उन्होंने खुलकर बताया कि स्वास्थ्य केंद्र लापरवाही की वजह से हालात कितने खराब हैं। नीतू कहती हैं कि न डॉक्टर आते हैं, न अधिकारी। सारा काम आशा सेविकाओं को अपनी समझ से करना पड़ता है। लेकिन अगर कोई अनहोनी हो जाए, तो सारा दोष उनके सिर पर मढ़ दिया जाता है। यह सुनकर मन में सवाल उठता है कि आखिर गर्भवती महिलाओं की जिंदगी से ऐसा खिलवाड़ क्यों हो रहा है?

पालघर गर्भवती जांच में यह लापरवाही कोई नई बात नहीं है। सरावली उपकेंद्र पर लंबे समय से यही हाल है। आशा सेविकाएं दिन-रात मेहनत करती हैं, लेकिन बिना डॉक्टरों की मौजूदगी के उनकी मेहनत अधूरी रह जाती है। हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं को चाहिए विशेष देखभाल, समय पर जांच, और सही सलाह। लेकिन जब डॉक्टर ही मौजूद नहीं होंगे, तो ये कैसे मुमकिन होगा?

यह मामला सिर्फ सरावली उपकेंद्र तक सीमित नहीं है। यह पूरे सिस्टम की खामियों को उजागर करता है। गर्भवती महिलाएं, जो अपने और अपने होने वाले बच्चे के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर भरोसा करती हैं, उनके साथ ऐसा व्यवहार किसी को भी गुस्सा दिला सकता है। सोशल मीडिया पर लोग इस स्वास्थ्य केंद्र लापरवाही को लेकर सवाल उठा रहे हैं। कई लोग कह रहे हैं कि अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले समय में और भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

नीतू गाहला की बातें सुनकर एक बात तो साफ है कि आशा सेविकाएं अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही हैं। लेकिन बिना डॉक्टरों और अधिकारियों के सपोर्ट के उनके हाथ बंधे हैं। यह पालघर गर्भवती जांच का मामला अब सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की सख्त जरूरत है। गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों की जिंदगी के साथ ऐसा खिलवाड़ किसी भी समाज के लिए शर्मनाक है।

#PalgharNews #HealthNegligence #PregnancyCare #HealthcareCrisis #MaharashtraNews

ये भी पढ़ें: Kapil Sharma Show Viewership Drops: पहले हंसी के ठहाके, अब सन्नाटा, कपिल शर्मा शो की व्यूअरशिप में 50% की चौंकाने वाली गिरावट!

You may also like