Hospitals Face Nursing Act Action: महाराष्ट्र में स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी जांच में खुलासा हुआ है कि 5,134 अस्पतालों ने महाराष्ट्र नर्सिंग होम रजिस्ट्रेशन एक्ट के नियम तोड़े हैं। ये जांच राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबितकर के आदेश पर हुई थी, जिसमें 26,354 अस्पतालों की जांच की गई। इस दौरान कई अस्पतालों में रोगी सुरक्षा और पारदर्शिता से जुड़े नियमों की अनदेखी पाई गई।
जांच में पाया गया कि कई अस्पतालों ने इलाज की कीमतों की सूची और हेल्पलाइन नंबर को बाहर नहीं लगाया, जो नियमों के तहत जरूरी है। कुछ अस्पतालों में मरीजों से बिना कीमत बताए पैसे वसूले गए, तो कहीं बिना मंजूरी के इलाज किए गए। कई जगह मरीजों और उनके रिश्तेदारों के लिए बुनियादी सुरक्षा इंतजाम भी नहीं थे। अधिकारियों ने बताया कि पुणे में सबसे ज्यादा 1,650 अस्पताल नियम तोड़ते पाए गए, जबकि संभाजी नगर में 901 और मुंबई-ठाणे क्षेत्र में 215 अस्पतालों ने नियमों की अनदेखी की।
सभी दोषी अस्पतालों को 30 दिन का समय दिया गया है कि वे अपनी गलतियों को सुधार लें। अगर वे ऐसा नहीं करते, तो उनके लाइसेंस रद्द हो सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक 300 अस्पतालों को गैर-अनुपालन, स्थानांतरण या बंद होने की वजह से बंद कर दिया गया है। नियमों के मुताबिक, अस्पतालों को इलाज की कीमतों की सूची, शिकायत बॉक्स, और हेल्पलाइन नंबर साफ-साफ दिखाना होगा। साथ ही, फायर और इलेक्ट्रिकल सेफ्टी सर्टिफिकेट, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, और प्रदूषण नियंत्रण के प्रमाणपत्र भी अपडेट रखने होंगे।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि ये जांच सिर्फ सजा देने के लिए नहीं है, बल्कि अस्पतालों को नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करने का भी मकसद है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि आगे भी ऐसी जांच जारी रहेगी ताकि मरीजों का भरोसा बना रहे और अस्पताल नियमों के दायरे में काम करें।
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